ओवर कॉन्फिडेंस से नुकसान।

खुद का कॉन्फिडेंस हर चीज पर होना चाहिए वो ठीक बात है। मगर किसी भी चीज पर जरुरत से ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंस होना वो गलत बात है।

Over confidence का चक्कर अच्छा नहीं होता क्योंकि इंसान को हर चीज़ पर over confidence होने लगता है तब अपने आप खुद के अंदर का confidence कम/ खत्म हो जाता है। और इंसान कोई भी और किसी भी चीज को confidence से नहीं करता क्योंकि उसका मन over confidence में लहराता रहता है।

Over confidence man" not successful

लाइफ में ज्यादा over confidence अच्छा नहीं होता लाइफ जीने के लिए , लाइफ में कुछ हासिल करने के लिए confidence ठीक है। कोई जरूर नही over confidence पालने की जो चीज़ पूरे confidence से हमारी हो सकती है तो उस चीज़ के लिए over confidence क्यों करना। 

एक बात का हमेशा ध्यान रखना over confidence इंसान के लिए अच्छा नहीं होता क्योंकि हर वक्त इंसान को हराने की कोशिश करता है। इंसान की सबसे बड़ी गलती कोई भी काम करते समय over confidence लेकर चलते हो जाएगा ना छोटासा ही तो काम है कर लेंगे ऐसा करेंगे वैसा करेंगे बोलते है बाद में फिर over confidence के दलदल में फसे जाते है और पिछे का रास्ता ख़त्म हो जाता है उसके कारण कभी वापस निकल नहीं पाते है।

काम कोई भी हो छोटा हो या बढ़ा हो over confidence में मत जाओ क्योंकि काम भले दिखने में छोटा लग रहा है लेकिन क्या पता छोटा काम अंदर से कितना गहरा है यह बात किसी को पता नहीं होती। इसीलिए फिर से एक बात कहता हूं कोई भी काम करते समय over confidence में जाकर मत करना बल्कि उस काम अपने हिसाब से करना अपने मन की राय को जान लेना की खुद का मन क्या कहता है। अगर खुद का मन खुद को कहता है यह काम मुश्किल है  over confidence मत कर तो उस समय अपने मन की सुन्ना पिछे मुड़ जाना चाए लोग आपको कमज़ोर बोले या भगोड़ा समझे उनकी बात के उप्पर ध्यान मत देना।

क्योंकि इंसान अपना confidence छोड़कर over confidence में चला जाता है उसका कारण दो बातों वाले लोग होते जो किसी के नहीं होते हमेशा बुरा करने का सोचते हैं पहले खुद दलदल में धकेल देते है बाद में वहीं लोग कहते है हमने क्या किए। तो एसे लोगो से दूर रहना जो आपके किसी काम के ना हो , जो भी करना परिस्थिति को देखकर करना उसको समझ कर करना जो इंसान परिस्थिति को देखकर अपना सही निर्णय लेता है वो इंसान सबसे होशियार होता है। इसीलिए लाइफ में होशियार बना सीखो ना की मूर्ख बना।

एक कहानी है पिता और पुत्र की जो आपको सुनाता हूं दोनों ही इतने confidence इंसान थे ख़ुद का confidence खुद पर इतना था की वो कोई भी काम कर सकते थे दिनों  नाव चलाते थे नाव से अकड़ियो का व्यापर करते। गांव से लगी हुई नदी , नदी के दूसरी और जगल था उस जंगल से पिता और पुत्र दोनों नाव में डालकर लकड़ियां लाते गांव में आकर उस लकड़ियों को बेचते और अपना घर चलाते। रोज़ वहीं काम करते नाव से नदी पार करके लकड़ियां लाते और गांव में बेचते।

एक दीन रोज़ की तरह लकड़ियां लाने के लिए नदी पार करके गए रोज़ की तरह लकड़ियां तोड़ ली नाव में भर ली गांव की तरफ लकड़ियां लेकर निकल पड़े तभी नदी का पानी तेजी से बड़ रहा था। पिता और पुत्र को पता चला कि नदी का पानी बड़ रहा है हमारे नाव पर आज कही गुना ज्यादा लकड़ियों का वजन है फिर भी पिता और पुत्र इतने साल का अपना confidence भूल गए और over confidence में चले गए। उनको लगता था कि हम कर सकते है अपनी नाव लेकर निकल पड़े आधे रास्ते में आ पहुंचे नदी पानी और ज्यादा बढ़ गए नाव पानी के बहाव से हिलने लगी।

नाव पर लकड़ियों का वजन होने के कारण नाव धीरे - धीरे पानी के अंदर जाने लगी पानी का बहाव बढ़ता ही जा रहा था जैसे - जैसे पानी बढ़ रहा था वैसे - वैसे नाव अंदर जा रहा थी । नाव में पूरी तरह से पानी भर गए और नाव पिता और पुत्र को पानी में लेकर डूब गई और वहीं पिता और पुत्र की मौत हो गई। इतने साल का पिता और पुत्र का अनुभव उनका confidence , over confidence में बदल गए और उनको उनके  over confidence ने खत्म कर दिया।

अगर पिता और पुत्र अपना confidence छोड़कर over confidence में गए नहीं होते अपनी नाव पिछे मुड़कर थोडी देर इंतज़ार करते तो आज पिता और पुत्र जिंदा होते। इसीलिए फिर से एक बार कहता हूं लाइफ में कभी भी over confidence मत करो।

सिख:- लाइफ में खुद के अंदर confidence होना अच्छी बात है। मगर over confidence होना बुरी बात होती है 

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