कामयाब होना आसान।

कामयाब होना आसान....|

 वेलकम । दोस्तों ! हमारे पेज पर फिर से एक बार आपका स्वागत है हमको खुशी हुई कि आप हमारे पेज पर फिर से आए , हम और एक बार फिर से आपकी उम्मीदों को दुग्ना करेंगे। 

हम आपको इस पेज़ पर उस चीज़ के बारे में बताएंगे कि आप हर बार हर चीज में जीत की तयारी में होंगे।

। तड़फ कामयाबी की ।

जिंदगी में लोग किसी ना किसी चीज के लिए तड़फते है कोई   पानी के लिए तड़फता है तो कोई भूख के लिए , कोई जीने के लिए तड़फता है तो कोई मरने के लिए , कोई कामयाबी के लिए तड़फता है तो कोई ना कामयाब होने के बाद तड़फता है। कोई वक्त के लिए तड़फता है तो कोई नींद के लिए तड़फता है , कोई प्रेम के लिए तड़फता है तो कोई नफरत के लिए , कोई दो पल के सुख के लिए तड़फता है तो कोई दो पल की खुशी के लिए तड़फता है। ई.। 

इस जिंदगी में हर कोई इंसान तड़फता है और यह तड़फ इंसान के अंदर होनी चाहिए तभी जिंदगी चक्र जिंदगी की तरह लगेगा मुझे एक बात सही लगती है और मैं एक बात कहूंगा जिंदगी में इंसान नही तड़फेगा तो क्या मशीन तड़फेगी। आज के युग में 75% लोगों की तड़फ सिर्फ और सिर्फ कामयाबी के लिए होती है लोग यह कामयाबी की तड़फ को पूरा करने के लिए हर चीज़ के लिए तड़फ सकते हैं और तड़फना भी चाहिए जिंदगी बनानी है तो थोड़ी तड़फ होनी चाहिए। 

कामयाबी के लिए जो कुछ भी करना पढ़े वो सब कुछ करो जी जान लगा दो अपनी और से कामयाबी की तड़फ इस तरह से रखो की एक भूखे इंसान को भूख की होती है जो भूखा इंसान एक वक्त की रोटी के लिए जितना तड़फता है उसे कही गुना तुम अपनी कामयाबी के लिए तड़पो । अगर तड़फ मालुम नहीं है की किस चीज को कहते है तो उन लोगो को याद करो जैसे की (मांजी द माउंटन मेन) उस इंसान ने अपनी बीबी के लिए पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाया था आज उसका नाम इतिहास के पन्नो पर बढे अक्षरों में लिखा हुआ है। कामयाब इंसान वो है जिस इंसान ने नाकामयाबी को कामयाबी मे बदल दिया है कामयाब अपने लिए बनो ना की दूसरो के लिए।

आज मे आपको एक कहानी सुनाता हु जो आपको आगे बढ़ने के लिए मदत करेंगी , आपकी सोच को बढ़ा देगी और कामयाबी की तड़फ क्या होती है वो भी पता चलेगा इस कहानी से।

एक कुंभार की कहानी  : - 

एक गांव में एक कुंभार रहता था जो मिठ्ठी के घड़े बनाने का काम करता था वो कुंभार मिट्टी के इतनी अच्छी तरीके से घड़े बनाता था की गांव के सारे लोग इस कुंभार की तरफ से घड़े खरीदते थे वह कुंभार अलग-अलग खड़े बनाता था और वह अपने घड़े  दूर-दूर तक बेच कर आता था। एक दिन उस कुंभार को एक बड़ा ऑर्डर मिला बड़ा ऑर्डर देने वाला गांव का बड़ा मुखिया था , कुंभार को बड़ा ऑर्डर देने का कारण था उस मुखिया की बेटी की शादी थी इसी कारण उस कुंभार को बढ़ा आर्डर मिला उस मुखिया को 100 घड़े और बत्ती जलने वाले 100 दिए चाहिए थे वो भी अगले दिन गांव का मुखिया था इसलिए कुंभार कुछ बोल नहीं पाया जैसा मुखिया ने बोला वैसा ही कुंभार कहता है कि ठीक है मैं अगली ही दिन दिए और मिट्टी के घड़े आपके घर में पहुंचा दूंगा।

( कामयाबी )

कुंभार ने इस सुबह अपने घड़े और दिए बनाने का सामान बाजार से लाया उसी दिन कुंभार ने घड़े और दिए बनाना शुरू कर दिया था कुंभार घड़े और दीए बनाने के लिए सुबह की शाम हो गई । घड़े और दिए बनाकर तयार ही होने वाले थे ठीक उसी समय तेज आंधी / तूफान जोर जोर से छुटने लगा आसमान में बरसात के बादल जमने लगे इधर-उधर बिजलिया होने लगी कुंभार अपनी मगन में घड़े और दिए बना रहा था । बारिश शुरू हो गई तूफान बढ़ने लगा , पानी की बूंदे तेजी से गिरने लगी उस कुंभार के बने बनाए घड़े और दिए तेज बारिश की वजह से टूट गए।

कुंभार को कुछ समझ नहीं आया वह घड़े और दिए की तरफ देखा ही रह गया वो कुंभार मन में सोचने लगा यह क्या हुआ भगवान मेरी मेहनत और मेरा पैसा सार खत्म कर दिया अब मैं क्या करुंगा ऐसा बालते रोने लगा। थोड़ी देर बाद तूफान और बारिश रुख गई। 

( रोना नहीं )

उस कुंभार ने अपने मन में ही सोचा रोने से क्या फायदा है अभी चला गया वो समय लोट कर वापस नहीं आता जिंदगी बना सकती है सिर्फ एक ही चीज जो नाकामयाबी को कामयाबी में इंसान ही बदल बदल सकता। उस कुंभार ने फिर से अपने टूटे घड़े और दिए बनाना शुरू किया उस कुंभार ने सिर्फ एक ही चीज सोची अभी नहीं करुंगा तो कभी नहीं कर पाऊंगा कामयाब होना है तो इस मौके को फिर से बनाना पड़ेगा ।

(समय)

उस कुंभार ने अपनी पूरी रात अपने घड़े और दिए बनाने में लगा दी सुबह के 7 बजे कुंभार को घड़े बनाने और दिए बनाने के लिए। गांव का मुखिया सुबह 10बजे आया सारे घड़े और दिए ले गया वो कुंभार अपने मन ही मन खुश हुआ उस कुंभार का खुश होने का कारण सिर्फ एक ही था वो थी उसकी कामयाबी की तड़फ। आज अगर कुंभार रात भर रो रहा होता तो उसके हाथ में नाकामयाबी के अलावा कुछ नही होता , आज वो कुंभार अपनी कामयाबी के लिए तड़फा है कल तुम भी इसी तरह तड़फना अपनी कामयाबी के लिए।

इस कहानी से यह सिख मिलती है। ( जो कुछ भी हो जाए हार मत मानना / रोने के अलावा अपना समय अपने काम को पूरा करने के लिए लगावो ...) ... तड़फ कामयाबी की...!

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