जिंदगी के 6 नियम ।

जिंदगी के 6 नियम .....|

 हैलो दोस्तों ! फिर से आपका स्वागत है। हमारे मोटिवेशन पेज़ पर हम फिर से एक बार आशा करते है की आपकी जिंदगी की जो समस्या है वो समस्या हमारे मोटिवेशन पेज़ पढ़ने से आसान हो। आपकी जिंदगी का पढ़ाव या जिंदगी का सफ़र कभी रुकेगा नहीं और रुखना भी नहीं चाहिए आगे बढते रहो और मंजिल को हासिल करते रहो। 

आज हम आपको जिंदगी को आसान बनाने के 6 नियम बताएंगे इस नियम में जो कुछ भी जिंदगी में होता है अमीर - गरीब , दुःख - सुख , अच्छा - बुरा , अभिमान - अपमान , झूठ - सच , गुस्सा - हंसना , संघर्ष , शक्ति , विजय , समय , संस्कार , और विश्वास सब कुछ सीखने को मिलेगा इस 6 नियम में इसीलिए इस पेज़ को ध्यान से पढ़े और इस तरह से अपने दिमाग़ मे बैठाए की कभी भी किसी भी जगह पर किसी भी चीज की जरुरत पढ़े तुरंत उस चीज को याद करो और तुरंत उसको पूरा करके आगे आगे बढ़ो। 

आज के बाद आप किसी भी चीज के लिए कमजोर नहीं पढ़ो गए।  जिस तरह जीने के लिए पानी की जरुरत होती है ठीक उसी तरह जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए हौसले की जरुरत होती है।

इंसान जितना ज्यादा खुद पर कंट्रोल करता है इंसान अंदर से उतना ही पावरफुल बनाता है।

| खुद को कंट्रोल मे रखकर चीजे हासिल की जा सकती है |


-|= जिंदगी के 6 नियम =|-


1}  अकेले में विचारों पर कंट्रोल!

2}  दोस्तों में जुबान पर कंट्रोल!

3}  गुस्से में फैसलों पर कंट्रोल!

4}  लक्ष्य पर हमेशा ध्यान दो!

5}  तारीफ़ में घमड़ कंट्रोल रखो!

6}  खुद की बेज्जती होने पर इमोशन पर कंट्रोल!

******************* 

1} अकेले में विचारों पर कंट्रोल  :-  अकेले में इंसान हमेशा डिफरेशन में रहता है कुछ ना कुछ सोचते रहता है इंसान अकेले में गुस्सा ज्यादा होता है। इसी विचारों को खत्म करने के लिए यह बाद याद रखें। अकेले हो किसी भी अन्य चीजों का विचार अपने दिमाग़ मे मत लाओ क्योंकि फालतू के विचार करने से इंसान और डिप हो जाता एक विचार के कारण अन्य कही विचार करने लगता इसे माइंड काम करना बंद करता है। फिर इंसान खुद के ही कंट्रोल से बाहर हो जाता और जो करना नहीं होता वो भी कर जाता है एसे समय में गलत फैसले ज्यादा से ज्यादा लेता है इंसान।

खुद को अकेला महसूस कर रहे हों तो कोई अच्छी किताब पढ़ो  , अकेले हो खुद ही खुद के साथ अच्छी बाते करो  या भगवान से बाते करो , अकेले में कोई गीत लिखो या गीत गुनगुनाओ , अकेले में हसो या रो कर सारा दुःख बाहर निकाल दो , अकेले में ध्यान करो अकेले में बहुत सी अच्छी चीजें करने को होती है वो करते रहो खुद भी हसो दूसरो को भी हसाओ।

2} दोस्तों पर जुबान पर कंट्रोल : - जिंदगी में किसी से भी बात करते समय एक साधारण इंसान समझकर बात करना चाए सामने वाला अमीर हो या गरीब अपनी जुबान को लगाम देना क्योंकि दुनियां में एसे बहुत से लोग है खुद बढ़ा समझते है कभी भी कुछ भी बोल देते है जिस बात की कोई व्यालू नहीं होती। इंसान का बर्ताव उसकी बात पर निर्भर करता है की वो इंसान कैसा है , क्योंकि एक बार जुबान से निकला हुआ शब्द वापस कभी नहीं आता इसीलिए खुद के बातों पर कंट्रोल होना चाहिए। इंसान के शब्द से रिश्ते जुड़ते हैं और इंसान के शब्द से ही रिश्ते ख़त्म हो जाता है इस चीज को ध्यान से समझना।

इंसान की कीमत पैसा देखकर नहीं बढ़ती बल्कि उसके अच्छे विचार , उसके अच्छे संस्कार से इंसान की कीमत बढ़ती है। अगर बात बात पर खुद की जुबान फिसल रही है और खुद के मु से गंध शब्द निकल रहा है तो वहीं रुख जाहि है खुद को कंट्रोल किजिए अगर आप ऐसा करते है तो सामने वाले इंसान के दिल में आपकी इज्जत और बढ़ जाती है ना की कम होती है। जिंदगी में कम बोलो मगर अच्छा बोलो ताकि बोले गए हर एक शब्द की व्यालू हो , जिंदगी में ज्यादा से ज्यादा अच्छा बोलने की कोशिश करो अपने आप लोग तुमसे जुड़ने लगेंगे।

3 } गुस्से में फैसलों पर कंट्रोल :- गुस्सा हमेशा इंसान को कमज़ोर करता है और उनके फैसलों को भी गुस्से में किए गए फैसले हमेशा मुसीबत खड़ी करते है इसीलिए सबसे ज्यादा गुस्से पर कंट्रोल होना चाहिए। 5 सैकंड का गुस्सा सालों पुरानी की की गई मेहनत तबा करके चला जाता है इतना पॉवर होता है गुस्से में , इसीलिए कभी भी गुस्सा आए तो गुस्से में जिंदगी के फैसले कभी ना करें पहले खुद को नोर्मल होने दो उसके बाद कोई भी फैसला करने के लिए तयार रहो। 

गुस्से में खुद को शांत रखे ताकि जिंदगी में जो भी फैसले लेने वाले हो वो एक दम सही हो और उसी फैसलों के आधार पर जिंदगी का नया निर्माण हो। आज के बाद कभी भी गुस्सा आया तो 3 बार हंसना फ़िर देखना आपका गुस्सा पल भर में ख़त्म हो जाएगा ।

4} लक्ष्य पर हमेशा ध्यान दो : -  दुनियां इधर की उधर हो जाए खुद के लक्ष्य पर ध्यान हमेशा होना चाहिए क्योंकि इतना जो गोल घूम रहे है वो सिर्फ और सिर्फ खुद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इतनी तकलीफ किसके लिए खुद के लक्ष्य के लिए। जो खड़ा है वो इंसान नही बल्कि जो दौड़ रहा है वो इंसान है , जो एक जगह पर खड़ा रहता है उसे दुनियां पत्थर की मूरत कहते है और जो जिंदगी के लक्ष्य के सफ़र में बीना रुके - बीना थके दौड़ रहा है उसे कहते है जीता जागता शेर याने कि घोड़ा।

जैसे बाज़ अपने शिकार को बीना रुके और बिना चुके पकड़ सकता है वैसे तुम भी अपने लक्ष्य को बीना रुके हासिल करो। दीन का 1 सैकंड भी बर्बाद मत करो क्योंकि की आने वाले समय में आपके 1 सैकंड का हिसाब होगा वहीं 1 सैकंड जो तुमने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगाया यकीन मानो वहीं 1 सैकंड तुमको हजारों - लाखों रुपए देगा। लक्ष्य को हासिल करना वो नही है जो सिर्फ देख रहे हो या सोच रहे हो बल्कि लक्ष्य हासिल करना वो है जो बीना समय बर्बाद किए अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए टूट पढ़े हो , असल में वो होता है लक्ष्य को हासिल करना। आज के बाद सिर्फ लक्ष्य को देखो मत उसको अपना बनाओ ताकि जल्द से जल्द हासिल हो।

5} तारीफ़ में घमंड कंट्रोल रखो : -  जिंदगी में आगे बढ़ते वक्त अपने घमंड को कंट्रोल रखे ताकि हर कोई इंसान सामने से चलकर आए तुम्हारे पास तुम्हारी सला लेने। इंसान पहचान कर घमंड करो गए यह छोटा है इसकी कोई औकात नही है यह छोटे लोगो में रहता है फटे पुराने कपड़े पहनता है यह ऐसा है वो वैसा है। फिर मैं तो कहता हूं कभी भी आपकी जिंदगी में बदल नही होगा फिर आप कितनी भी कोशिश कर लो खुद को बदल ने की। मुझे समझ नहीं आता इंसान घमंड क्यों करते है क्योंकि एक ना एक दिन सबको यह दुनियां छोड़कर जाना है , खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाएंगे। 

अगर इन सब चीजों के बारे में पता है तो छोड़ दो ना घमंड करना सब को अपना मान कर चलो। जिंदगी में कुछ लोगो को ऐसी भी आदत है जो सामने वाला इंसान जब तारीफ़ कर रहा है तो और ज्यादा घमंड दिखाते है ऐसा क्यों इसका कोई करना नहीं होता फिर भी घमंड , इसीलिए यह चीज को भी बदलना होगा तारीफ़ में घमंड कंट्रोल रखना होगा। यहीं छोटी छोटी चीजें इंसान को बदलती है जहां पानी है वहा आग का होना जरूरी नहीं होता इस बात का मतलब जो चीज़ बीना घमंड करके हासिल कर सकते है उस चीज में घमंड क्यों दिखाना। 

आज के बाद घमंड नहीं गुरुर होना चाहिए खुद पर और खुद की मेहनत पर ।  गुरुर वो चीज है जो खुद पर किया जाता है और घमंड वो है जो दुसरो को कमज़ोर साबित करने के लिए दिखाए जाता है। घमंड एक मिठ्ठी की तरह होता है जो कितना भी ऊंचा पहाड़ बनाया जाए वो एक पल में ही नीचे आता है।

6} खुद की बेज्जती होने पर इमोशन पर कंट्रोल : -  खुद की बेज्जती होने पर कोई रिएक्शन कोई इमोशन नहीं क्योंकि तुम दुनियां मे अकेले इंसान नहीं हो जो तुम्हारी बेज्जती होती है। इंडिया में 150 करोड़ लोग है जो हर दीन किसी ना किसी इंसान कि बेज्जती होती रहती है। बेज्जती होने पर ऐसा कोई गलत कदम मत उठाना जिसका नुकसान खुद को ही भरना पड़े। कोई आपकी बेज्जती कर रहा है उस वक्त कोई रिएक्शन नहीं होना चाहिए जो कुछ होना चाहिए वो खामोशी से होना चाहिए किसी को बात का जवाब देना है तो मारा मारी से नहीं बल्कि ऐसा कोई काम करो जो बेज्जती करने वाले उसी महफिल में आपकी बात पर तालियां बजाए ऐसा काम करो।

लोग कहते है जिनकी कोई इज़्ज़त होती है उनकी ही बेज्जती होती है। ऐसा नहीं होता हर कोई इंसान को बुरा लगता है खुद की बेज्जती  होने पर कोई ख़ामोश रहता है तो कोई हंगामा करता है। आज के बाद हंगामा नहीं बल्कि खामोशी वाला हंगामा होना चाहिए ताकि खुद के नाम के चर्चे दूर दूर तक हो।


हम! आशा करते है की हमारा पेज़ पढ़कर आपके दिमाग का नॉलेज बढ़ गया होगा इन 6 नियम में आपको ऐसा कुछ ना कुछ मिला होगा जो आपके काम का होगा। इस 6 नियम को जिंदगी भर याद रखें और आगे बढ़े।

धन्यवाद ....!   | जिंदगी का सफ़र एसे ही चलता रहेगा | ॥ आप हमको एसे ही सपोर्ट करते रहें ताकि हम आपको नए नए शब्दों में कुछ ना कुछ अच्छा सिखाते रहेंगे ॥

कोई टिप्पणी नहीं