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संघर्ष ही सफलता का असली परिचय है।

 आज हम जीवन का सही महत्व क्या है और इसे कैसे संघर्ष में लाना है वो बताए।

जीवन की असली पहचान तब बनती है जब इंसान संघर्ष करता है। संघर्ष वो रास्ता है, जो हमें हमारी मंज़िल तक ले जाता है। बिना संघर्ष के सफलता की कल्पना करना वैसा ही है जैसे बिना बीज बोए फसल काटने की चाह रखना। हर महान व्यक्ति, हर सफल इंसान के पीछे एक लंबी संघर्ष-यात्रा छिपी होती है।


संघर्ष का महत्व।

संघर्ष हमें तोड़ता नहीं, बल्कि हमें गढ़ता है। जैसे कच्चा सोना आग में तपकर शुद्ध और चमकदार बनता है, वैसे ही इंसान संघर्षों से गुजरकर मजबूत और सफल बनता है।

किसी ने सही कहा है।

'संघर्ष इंसान को इतना मजबूत बना देता है कि जीत फिर उसकी आदत बन जाती है।

संघर्ष से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। जब इंसान मुश्किल हालात में भी डटा रहता है, तो वो हर चुनौती को अवसर में बदल देता है। यही कारण है कि संघर्ष करने वाले कभी हारते नहीं, बल्कि हार को जीत में बदलना सीख जाते हैं।


संघर्ष और सफलता का रिश्ता।

सफलता तक पहुँचने का कोई शॉर्टकट नहीं है। जिस इंसान ने ये समझ लिया कि बिना मेहनत और बिना संघर्ष के कुछ हासिल नहीं हो सकता, वही असली विजेता बनता है।

आज जिन लोगों को हम आदर्श मानते हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, सचिन तेंदुलकर, या किसी बड़े उद्योगपति इन सबकी सफलता के पीछे लम्बा संघर्ष छिपा है।


गांधीजी ने आज़ादी की लड़ाई में वर्षों तक संघर्ष किया।

कलाम साहब ने छोटी-सी झोपड़ी से निकलकर कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई की और देश के "मिसाइल मैन" बन गए।

सचिन तेंदुलकर ने बचपन से ही अपने खेल को निखारने के लिए कठिन अभ्यास किया, तब जाकर उन्हें "क्रिकेट का भगवान" कहा गया।

अगर इन लोगों ने संघर्ष का रास्ता न चुना होता, तो आज उनकी पहचान इतनी महान न होती।


संघर्ष हमें क्या सिखाता है?

1. धैर्य और संयम जब हम कठिनाइयों से गुजरते हैं, तब धैर्य रखना सीखते हैं।

2. परिश्रम की ताकत संघर्ष हमें मेहनत का असली मूल्य समझाता है।

3. आत्मविश्वास हर चुनौती पार करने पर आत्मविश्वास दोगुना हो जाता है।

4. सपनों को जीने का साहस संघर्ष हमें हार मानने की बजाय सपनों को पूरा करने का साहस देता है।


संघर्ष से डरना क्यों नहीं चाहिए?

संघर्ष कभी भी इंसान को खत्म करने के लिए नहीं आता, बल्कि उसे मजबूत बनाने के लिए आता है।

सोचिए, अगर रास्ते में गड्ढे ही न हों तो हमें संतुलन बनाना कैसे आएगा? अगर अंधेरा न हो, तो रोशनी का महत्व कौन समझेगा? ठीक वैसे ही अगर संघर्ष न हो तो सफलता की असली कीमत कोई नहीं जान पाएगा।

संघर्ष हमें हमारी असली ताकत दिखाता है। यह बताता है कि हममें कितनी क्षमता है। यही कारण है कि जो लोग संघर्ष से डरकर पीछे हट जाते हैं, वे मंज़िल तक कभी नहीं पहुँचते। लेकिन जो लोग डटकर खड़े रहते हैं, वे इतिहास रचते हैं।


एक छोटी-सी प्रेरणादायक कहानी

एक बार एक किसान ने अपने गधे को बचाने की कोशिश की। गधा गलती से कुएँ में गिर गया। किसान ने सोचा कि अब इसे निकालना मुश्किल है, तो उसने मिट्टी डालकर कुआँ बंद करना शुरू कर दिया।

गधे के ऊपर मिट्टी गिरने लगी। पहले तो गधा परेशान हुआ, लेकिन फिर उसने मिट्टी झाड़कर अपने पैरों तले दबाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे मिट्टी ऊपर चढ़ती गई और गधा भी ऊपर चढ़ता गया। अंत में गधा कुएँ से बाहर निकल आया।


इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है कि जीवन की समस्याएँ और संघर्ष मिट्टी की तरह हैं। अगर हम उन पर दब जाएँ तो खत्म हो जाएंगे। लेकिन अगर हम संघर्ष करके उन्हें सीढ़ी बना लें, तो सफलता हमारे कदम चूमेगी।


संघर्ष ही पहचान क्यों है?

जब लोग हमें देखते हैं, तो हमारी सफलता की चमक उन्हें नजर आती है, लेकिन उसके पीछे का संघर्ष उन्हें दिखाई नहीं देता।

एक पेड़ को देखिए उसकी हरी-भरी डालियाँ सबको पसंद आती हैं, लेकिन उसकी जड़ों का संघर्ष मिट्टी के भीतर छिपा रहता है। ठीक वैसे ही सफलता सबको दिखाई देती है, लेकिन संघर्ष ही उसकी असली जड़ है।


इसलिए सफलता का असली परिचय संघर्ष ही है। बिना संघर्ष के सफलता अधूरी है।

संघर्ष से निकलने की शक्ति कहाँ से आती है?

सकारात्मक सोच कठिनाइयों को अवसर की तरह देखना।

लगातार मेहनत रोज़ छोटा-सा कदम बढ़ाना।

अनुशासन समय का सही उपयोग करना।

हार से सीखना हर असफलता को शिक्षक मानना।

संघर्ष हमारा इन शब्दों की तरह हो गया ना तो फिर हमे कोई जीत हासिल करने में ना ही ज्यादा समय लगेंगा ना ही ज्यादा मेहनत लगेगी।

                  ' पेज़ पर रुकने के लिए और "आपका कीमती वक्त निकालकर पेज़ पढ़ने के लिए।

                                                धन्यवाद!

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