क़िस्मत का साथ।
आज मैं आपसे एक ऐसे विषय पर बात करना चाहता हूं। जो अक्सर हमारी जिंदगी के हर मोड पर हमारे मन में उठता है क्या किस्मत हमारा साथ देगी। या "किस्मत हमारे साथ है? हम में से हर कोई ना कोई कभी ना कभी किस्मत को कोसता है , कभी उसे धन्यवाद देता है और कभी उसके भरोसे बैठ जाता है। क्या आपने कभी गहराई से सोचा है किस्मत क्या होती है क्या यह कोई आकाश से टपकी हुई शक्ति है क्या यह कोई भगवान का भेजा हुआ तोहफा है। या यह सिर्फ हमारे बाहनों की एक चादर है जिसमें हम अपनी असफलताओं को छुपाते हैं। आज हम किस्मत के साथ पर चर्चा करेंगे। क्या वाकई किस्मत का कोई साथ होता है या नहीं होता और अगर होता है तो वह कैसे और कब हमारा साथ देती है। 1. किस्मत: तैयारी और अवसर थॉमस एडिसन ने एक बार कहा था "किस्मत तब साथ देती है जब तैयारी अवसर से टकराती है। इसका मतलब साफ है अगर आप तैयार नहीं है तो दुनिया का सबसे बड़ा मौका भी आपकी सामने आकर व्यर्थ हो जाएगा मान लीजिए एक दरवाजा आपके लिए खुला, लेकिन आप चलने के लिए तैयार ही नहीं थे, तो आप उस दरवाजे के पास कैसे जाएंगे। कई लोग कहते हैं वह तो किस्मत वाला था उसे सब कुछ मिल गया। लेकिन...