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इसे सुनते ही रुकने का सवाल ही नहीं।


यह सिर्फ तीन शब्द नहीं हैं। यह जिंदगी की सबसे बड़ी सीख। सबसे मजबूत मंत्र और सबसे अच्छा और सच्चा रास्ता है।

हर सुबह जब सुरज उगता है, वो हम से रोज कुछ कहता है, मैं कल भी जला था , आज भी जल रहा हूं और कल भी जलूंगा। क्योंकि रुकना मेरी फितरत में नहीं है ऐसा हर रोज कहता है सुरज खुद से। तो सोचो , जब सुरज नही रुकता। तो हम क्यों रुके।

1) रुकना क्यों नहीं है।

2) मुश्किलें आएंगी।

3) सफर से प्यार करो। मंजिल खुद पास आएंगी।

4) जो रुकते नहीं वहीं इतिहास बनाते हैं।

5) अगर रुको गए तो पछतावा साथ होगा।

6) ख़ुद से वादा करो। रुकूंगा नहीं।

7) जोश जगाओ जुनून बढ़ाओ।

हर बार आगे बढ़ने की वजह मत ढूंढो। ख़ुद ही एक आगे बढ़ने की मिसाल बनो।


1. रुकना क्यों नहीं है।

क्योंकि रुकना मतलब हार मान लेना , रुकना मतलब सपना अधूरा छोड़ देना , और रुकना मतलब खुद को खुद से धोखा देना।

जिंदगी में ऐसा कोई इंसान नही , हर इंसान के अंदर एक अग्नि होती है। सपनों के बदलाव की , मेहनत की , और वह अग्नि तब तक हमारे साथ है और तब तक जलती है जब तक हम चलते रहते है। जैसे ही हम जिंदगी में रुके , तब ठीक उसी समय से वो अग्नि बुझने लगती है।

जिंदगी में रुकना मतलब डर को जीतने देना | और जो डर गया वो कभी जीत नहीं पाया ।


2. मुश्किलें आएंगी। और यही अच्छा है।

अगर जिंदगी का रास्ता आसान होता , तो हर कोई उस रास्ते पर चल लेता , लेकिन एक बाद हमेशा याद रखना जीत उन्हीं को मिलती है जो फूल समझ कर काटो पर चलते हैं , जो गिरते है , जो टूटते हैं , फिर उठते हैं और फिर मुस्कराकर कहते है मैं फिर से तैयार हूं वहीं इंसान असल में आगे बढ़ते रहते है।

जब दर्द होता है तब समझ आता है और हमे अहसास होता है की हम जिंदा है। जब हमे ठोकर लगती है तब अपने आप समझ आता है की रास्ता कैसा है। तो हर लगे हुए ठोकर की गिरावट को एक इशारा समझो की हमारे साथ कुछ ना कुछ बड़ा होने वाला है , बस खुद को रूकना नहीं है।

जब दर्द होता है, तब समझ आता है कि हम ज़िंदा हैं। जब ठोकर लगती है, तभी अंदाजा होता है कि रास्ता कैसा है।

तो हर गिरावट को एक इशारा समझो — कि कुछ बड़ा होने वाला है, बस रुकना नहीं है!


3. सफर से प्यार करो। 

दुनियां में कई लोग मंजिल की जल्दी में रास्ता छोड़ देते है लेकिन असली मजा तो उस रास्ते में जहां आप खुद को हर दिन बेहतर बनाते हो। सोचो जब आप सुबह जल्दी उठते हो , थककर भी काम खत्म करते हो , जब कोई तारीफ़ नहीं करता तभी आगे बढ़ते हो और यही होती है इंसान की असली जीत।

मंजिल तभी आएगी जब आप उस मंजिल को पाने लायक बन जाओगे , इसीलिए खुद को रोज तैयार करो , रोज सुधारो और रोज आगे चलो रूकना नहीं है।


4. जो रुकते नहीं। वही इतिहास बनाते हैं।

एक बात सुनो और समझो सचिन तेंदुलकर पहली बॉल पर आउट होते थे , लेकिन उनो ने खेलना छोड़ दिया क्या नहीं ना। उस ने कभी हार नही मानी। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक साधारण परिवार से थे , लेकिन उनो ने भारत को मिसाइल दी।

कल्पना चावला ने अपने सपनो को अंतरिक्ष तक पहुंचाया क्या वो रास्ता आसान था। नहीं। सब कुछ मिश्किल होता है। पर उन्हों ने कभी रुकने का नाम नहीं लिया। क्योंकि उने पाता था कि रुकने वालों को सिर्फ बहाना मिलता है और चलने वालों को रास्ता। यह बात ध्यान रखो।


5. अगर आज रुको गए। तो पछतावा साथ होगा।

आप सोचो की आज अगर आप ठहर गए , आज अगर आपने कह दिया की अब नहीं होता तो क्या होगा। कुछ नही।

दुनिया चलती रहेगी। लोग आगे निकल जाएंगे , और एक दिन आप खुद से सवाल करोगे। काश मैने उस दिन हार न मानी होती। काश" यह एक शब्द भारी है दोस्त और ये जिंदगी के अंत में सबसे ज़्यादा दर्द देता है। 

इसीलिए आज का दर्द सह लो ताकी कल का गर्व महसूस कर सको।


6. खुद से वादा करो। रुकूंगा नहीं।

जिंदगी में कभी यह मत सोचो की आप अकेले हो याद रखो जब आप मेहनत कर रहे होते हो तो किस्मत भी आपके लिए काम कर रही होती है।

जब आप 100 बार फेल हो चुके हों तो 101 वी बार ही आपका नया इतिहास बन सकता है।

हर। ना। के पिछे एक हा छुपा होता है। हर अंधेरे के बाद उजाला तय है। लेकिन सिर्फ उन्ही के लिए जो रुकते नहीं


7. जोश जगाओ। जुनून बढ़ाओ।

जिंदगी में अपने सपनों को आखों में नहीं अपने पैरों में रखो और आगे बढ़ते रहो। आगे बढ़ते - बढ़ते थक कर रुक गए तो सिर्फ सास लो , लेकीन लोट कर वापिस मत जाओ। दुनियां चाहे ताली बजाए या निंदा करे अपने रास्ते पर भरोसा रखना।

एक दिन वहीं लोग कहेंगे और एक दिन ऐसा आएगा जब वहीं दुनियां कहेंगी वाह इसने तो कर दिखाया।


और...।।

अंत में खुद से कहो रोज़ कुछ नया करना है।:

और खुद से कहना।


मैं आज गिरा तो क्या हुआ कल से फिर से खड़ा होऊंगा।

मेरी कहानी अधूरी नहीं रहेगी मैं खुद अपनी जीत लिखूंगा।

रूकना नहीं है , चाहे कुछ भी हो जाए क्योंकि मैं बना ही जितने के लिए हूं।

> “मैं आज गिरा तो क्या हुआ,
कल फिर से खड़ा होऊंगा।

मेरी कहानी अधूरी नहीं रहेगी,
मैं खुद अपनी जीत लिखूंगा।

रुकना नहीं है, चाहे कुछ भी हो जाए —
क्योंकि मैं बना ही जीतने के लिए हूं।”

इसीलिए आज से अभी से तय करो। रूकना नहीं है!

क्योंकि रास्ते उन्हीं के लिए बनते है और ऊनी को मिलते जो हर हाल में आगे बढते हैं।

जीतने का मंत्र!!

रूकना नहीं है = यहीं जितने का रास्ता है = यहीं मंत्र = यहीं जीत है! चलते रहो और आगे बढ़ते रहो।


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