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बुद्धिमान होना काम का।

अपनी बुद्धि का इस्तमाल एसे करो की कब हारते - हारते जीत जाओ सामने वाले को पता भी ना चले एसे बुद्धिमान बनो। बुद्धि सबके पास होती है दुनियां में जितने भी लोग हैं सबके पास है मगर बुद्धि का मास्टर सिर्फ वहीं बन पता है जिसे सही समय पर गेर चैंच करना आता है। जो इंसान गरीब घर में पैदा होता है भगवान सबसे ज्यादा बुद्धि उसको देता है क्योंकि वो इंसान अपनी बुद्धि का सही इस्तमाल करके जल्द से जल्द अमीर बन जाए। 

तुमे अमीर बनाए नहीं तो क्या हुआ , तुम्हारे पास पैसा नहीं है तो क्या हुआ पैसों से बडकर इतनी बड़ी बुद्धि जो दी है अपनी बुद्धि को चलाकर सब कुछ हासिल करो ना बाद में फिर देखो की कोन तुम्हारा हिस्सा नहीं देता नहीं किस्मत रोक सकती है और नहीं वक्त रोक सकता है।

                                             बुद्धिमान...!!

         जिसके पास बुद्धि वो राजा.....


दुनियां का सबसे बड़ा धनवान बना है तो सबसे पहले बुद्धिमान होना जरूरी होता है क्योंकि की धन बुद्धिमान लोगो के पास ही होता है और जिसके पास धन है मगर बुद्धि नहीं है तो वो इंसान कभी भी अपने धन को बढ़ा नहीं सकता उल्टा उस धन को बीना वजह खर्च करके उसको खत्म कर देगा और ख़ुद कंगाल हो जाएगा। इसीलिए जिंदगी का सबसे बड़ा फंडा बुद्धिमान होना जरूरी होता है आज से खुद भी अपनी बुद्धि का बुद्धिमानी वापर करो ताकि पैसा भी अपने आप आने लगे।

बड़े - बड़े लोग क्यों बड़े हो रहे हैं अपनी बुद्धि के कारण घर में बैठकर ही अपनी बुद्धि का इस्तमाल करके लाखों - करोड़ों कमाते है उन लोगो का काम करते समय पसीने का एक बूंद भी नीचे नहीं गिरता ऐसा क्यों तो उन लोगो ने पहले अपने आप इतना काबिल बनाया है जो सच में एक इंसान को होना चहिए। और हम गरीब साला दिन भर काम करने के बावजूद 250₹- 300₹ कमा पाते है और इस रुपए से ज्यादा हम अपना पसीना बहा देते है जो इन पैसों से कहीं ज्यादा कीमती होता है और यह पैसे कमा कर नहीं आगे बढ़ सकते हैं और नहीं ख़ुद की जिम्मेदारियां पूरी कर पाते है इन रुपयों से सिर्फ़ और सिर्फ़ एक दिन का खाना नसीब होता है।

इसीलिए आज से खुद ठान लो की हम भी अमीर बना है अमीर बने के लिए समय जितना खर्च करना पड़ेगा करो पर बने गए तो बुद्धिमान और कहलाएंगे भी धनवान आज से शुरू कर दो अपनी बुद्धि का बुद्धिमानी वापर गरीब हुए तो क्या हुआ तुम नहीं पैसा कमाना चाहते तुम्हें कोई हक नहीं है अपने सपने पुरे करने का और अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का तुम भी ख़ुद को यह कहो कि हम भी साला घर में बैठकर अपनी बुद्धि चलाकर पैसा कमा सकते है। जिन - जिन लोगों ने अपनी बुद्धि को सही दिशा में डाला है वो इंसान कभी पिछे नहीं रहेगा क्योंकि बुद्धि से बढ़कर ऐसा कोई हथियार नहीं बना है बुद्धि ही एक सर्वश्रेष्ठ हथियार है जो कभी भी कुछ भी कर सकता है।

बुद्धिमान बनो सब कुछ अपना है।

आपको लगे हाथ एक जीता जागता उदाहरण देता हूं। मुकेश अंबानी जो खाने के वन्दे थे 250₹ - 300₹ कमाने वाला इंसान इतना बड़ा और करोड़ों रुपए का मालिक कैसे बन गया। रतन टाटा , अडानी यह लोग भी कैसे अमीर बने और करोड़ों के मालिक कैसे बनें उन लोगों का अमीर होने का कारण सिर्फ एक ही है वो है उन की बुद्धिमानी उन लोगो ने अपने बुद्धि पर काम किया जो सपना था उसे हकीकत में बदल दिया। इन लोगो ने अपना समय अपनी बुद्धिमानी जहां लगानी चाहिए थी सिर्फ वहां ही लगाई फालतू में कहीं भी वेस्ट नहीं की।

तुम भी इन लोगो में शामिल होना चाहते हो तो अपनी बुद्धिमानी को इन के जैसा चलाओ इन की तरह सोचो काम की चीज़ को पकड़ो बिना काम की चीज़ छोड़ दो। अपनी बुद्धि का सिर्फ वहा ही उपयोग करो जो अपनी है काम की है जैसे - जैसे अपनी बुद्धि का सही इस्तमाल करो गए वैसे - वैसे बुद्धि अपने आप बढ़ती जाएगी अपने आप दिमाग़ में अच्छे विचार आने लगेंगे उस विचार पर कार्य करते जाओ और आगे बढ़ते जाओ। जिस दिन से यह चीज़ करो गए उसी दिन से अपने आप को बदलो और हर बदलने वाले इंसान को दुनियां बुद्धिमान कहती है। 

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!! अंदर के क्रोध को ख़त्म करो !!


क्रोध छोड़ दो नहीं तो जिंदगी छोड़नी पड़ेगी। क्रोध इंसान को बर्बाद करने की वजह होती है जो सिर्फ 2मिनट के लिए आता है पूरे दिन की और पूरी जिंदगी की वाट लगाकर चला जाता है। अगर आपको आपकी जिंदगी बर्बाद नहीं करनी तो क्रोध को खुद के अंदर से हमेशा - हमेशा के लिए  खत्म करना होगा जितना हो सके उतना खुद की ओर से क्रोध को संभलना होगा।

क्रोध हमेशा दूसरों की नज़र में छोटा साबित करता है खुद की इज़्ज़त दूसरों की नज़र में कम करता है।

                                     क्रोध को खत्म करना होगा...!!!

इंसान के अंदर का सबसे बड़ा बवंडर उसका क्रोध उसका गुस्सा जो बीना वजह सब चीजों को तहस - नहस करता है इंसान के जिंदगी की पुरी वाट लगाता है क्रोध से इंसान को कोई फ़ायदा नहीं होता बल्कि नुकसान ही नुकसान होता है। क्रोध/ गुस्सा के कारण तमाम रिश्ते टूट जाते लोगो के अंदर दरार पड़ जाति है क्रोध से बना बनाया काम बिगड़ जाता है क्रोध करते समय इंसान को यह पता नहीं चलता की नुकसान हमारे क्रोध के कारण हो रहा है। जब क्रोध इंसान को दुःख के अलावा कुछ नहीं देता तो क्रोध छोड़ दो ना इस में हमारा ही फ़ायदा है बुरी चीज छोड़ो और अच्छी चीज पकड़ो यह हमारे जिंदगी का सबसे बेहतरीन हिस्सा है।

आज ही समय है खुद के क्रोध को संभालने का ख़ुद के क्रोध को ख़त्म करने का अगर आज खुद के अंदर के क्रोध को खत्म नहीं करो गए तो आने वाले समय में क्रोध तुमको खत्म करेगा। इसीलिए हम ख़ुद ही क्रोध को हमारी जिंदगी से निकालते हैं इंसान को हर छोटी - छोटी बात पर क्रोध आता है तो इस क्रोध को खत्म करना हमारे हाथ में है। आज के बाद कभी भी गुस्सा/ क्रोध आए ना तो पहले ख़ुद को 30 सेकंड के लिए शांत रखो एक चेहरे पर हल्की सी मुस्कान रखो सामने वाला क्या कहता है उसको ज्यान लो समझ लो उसके बाद अपना जवाब शांति से रखो। क्योंकि क्रोध ही हर समस्या का हल नहीं होता जो काम शांत हो कर हो सकता है उसमें क्रोध करना क्यों । 

माना कि कुछ - कुछ चीजे हासिल करने के लिए क्रोध करना पड़ता है तभी वो चीज़ हमे हासिल हो सकती है क्रोध भी समय देखकर समय को समझकर करना चाहिए तभी किए गए क्रोध का सही उपयोग होगा। नहीं तो वो शंकर भगवान वाली कहानी याद को जिस में शंकर भगवान ने क्रोध में आकर अपने ही बेटे का यानी की श्री गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया था। उसका कारण सिर्फ छोटा सा है माता पार्वती जब स्नान के लिए अपने महल में जा रही थी तब श्री गणेश को वो बोल कर गई थी दुनियां का सर्वश्रेष्ठ वेक्ती क्यों ना हो , सबसे ज्ञानी क्यों ना हो , स्वयम मेरे पति क्यों ना हो अंदर आने मत देना।

ऐसा अपने बेटे को यानी श्री गणेश को कह कर गई थी माता पार्वती स्नान के लिए चली गई गणेश जी बाहर पैरा लगा रहे थे तभी अचानक शंकर भगवान प्रकट हुए शंकर भगवान श्री गणेश से कहते है पुत्र गणेश मुझे अंदर जाना है माता पार्वती से मिलना है। तभी श्री गणेश कहते है पिताश्री आप अंदर नहीं जा सकते माता पार्वती स्नान कर रही है माता पार्वती ने कहा किसी को भी अंदर ना आने दिया जाए चाए वो पति हो या कोई और हो।

श्री गणेश की बात सुनकर शंकर भगवान क्रोधित हुए तांडव करने लगे जब इंसान क्रोधित होता है तब उसे नहीं अपना दिखाई देता है और नहीं पराया क्रोध में शंकर भगवान  नाचने लगे जैसे - जैसे नाचने की रप्तार बड़ी गई वैसे क्रोध भी बढ़ता गया शंकर भगवान ने क्रोध में आकर अपना त्रिशूल निकला और श्री गणेश पर चला दिया त्रिशुल सीधा श्री गणेश के गर्दन में आकर लग गया श्री गणेश का सिर धड़ से अलग हो गए। इतनी सी छोटी बात के लिए शंकर भगवान ने क्रोध में आकर अपने ही पुत्र का गला उड़ा दिया था ऐसा होता है इंसान का क्रोध

इसीलिए फिर से वही बात दौरता हूं जिंदगी में कुछ भी हो जाए कितनी बड़ी क्यों ना मुसीबत आ जाए क्रोध ना करे अगर क्रोध आ भी गया तो उसे अपने अंदर ही दबा कर खत्म करे इसे तुम खुद को सुरक्षित करो जब तुम सुरक्षित तब दुनियां को यूंही जीत लेंगे।

                                           स्मार्टनेस_मोटिवेशन (पेज़)

                                                     धन्यवाद!🙏


 

                                        

                         

 

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