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मुश्किलें हराने नहीं, तराशने आती हैं।

 जीवन एक संघर्ष है! और संघर्ष ही हमें महान बनाता है। जब-जब जीवन में मुश्किलें आती हैं, तो हम सोचते हैं कि ये हमारे खिलाफ हैं। लेकिन सच ये नहीं है। मुश्किलें हमें गिराने नहीं, बल्कि हमें गढ़ने आती हैं। वो हमें हाराने नहीं, तराशने आती हैं।

हर इंसान के जीवन में ऐसा समय आता है जब सब कुछ धुंधला लगता है, रास्ते बंद लगते हैं, लोग साथ छोड़ देते हैं, और हालात हमें तोड़ने की कोशिश करते हैं। पर याद रखो  हीरा भी तब तक चमकता नहीं जब तक उसे तराशा न जाए। अगर वह पत्थर की तरह ही रह जाता, तो उसकी कीमत कुछ भी न होती।


पहला सुझाव:- 

'दर्द ही विकास की कीमत है।"मुश्किलें दर्द देती हैं, लेकिन वो दर्द ही विकास की सबसे बड़ी कीमत है।

सोचो, जब कोई जिम में वर्कआउट करता है तो मांसपेशियों में दर्द क्यों होता है? क्योंकि शरीर खुद को और मज़बूत बना रहा होता है।जीवन भी वैसा ही है जब कठिनाइयाँ आती हैं, तो वो हमें अंदर से मज़बूत बना रही होती हैं।

अगर हर चीज़ आसानी से मिल जाए तो इंसान कभी अपनी असली ताकत नहीं पहचान पाता।मुश्किलें हमें हमारी सीमाएँ दिखाती हैं, और फिर हमें सिखाती हैं कि उन्हें तोड़ कैसे देना है।


दूसरा सुझाव:-  

'हालात नहीं, इरादा तय करता है मंज़िल।"बहुत लोग कहते हैं ' मेरे पास मौका नहीं था' , 'मेरे हालात खराब थे', 'मेरे पास साधन नहीं थे।

पर क्या अब्दुल कलाम, झाँसी की रानी, या निक वुजिसिक जिनके हाथ-पैर नहीं हैं। के हालात आसान थे?नहीं! पर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने इरादे को हालात से बड़ा बना दिया।

मुश्किलें हर किसी के रास्ते में आती हैं, लेकिन वही विजेता बनता है जो उनसे डरता नहीं, बल्कि उन्हें सीढ़ी बनाता है।अगर नदी को पहाड़ रोक दे, तो वो पहाड़ को काट देती है। क्योंकि उसका इरादा समंदर तक पहुँचना होता है।


तीसरा सुझाव:-  

'टूटना जरूरी है, क्योंकि वही निखार लाता है।"कभी-कभी जीवन हमें ऐसे तोड़ देता है कि लगता है अब कुछ नहीं बचा। पर सच तो ये है कि वहीं से एक नई शुरुआत होती है।

जब मिट्टी के बर्तन को आकार देना होता है, तो कुम्हार उसे बार-बार थपथपाता है, घुमाता है, आग में पकाता है। तभी वह मजबूत बनता है।इसी तरह, मुश्किलें हमारी आत्मा को पकाती हैं, हमारी सोच को गढ़ती हैं, और हमें नया रूप देती हैं।

अगर तुम कभी टूटो, तो डरना मत। वो टूटना तुम्हारा अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का संकेत होता है।याद रखो, राख से ही नया फीनिक्स जन्म लेता है।


चौथा सुझाव:-  

'जब सब छोड़ दें, तब खुद का सहारा बनो।"मुश्किल वक्त में लोग साथ छोड़ देते हैं। दोस्त भी दूरी बना लेते हैं, परिवार भी कभी-कभी समझ नहीं पाता।पर यही वो समय होता है जब तुम्हें खुद के लिए खड़ा होना पड़ता है।

जब तुम खुद को थामना सीख लेते हो, तब दुनिया की कोई ताकत तुम्हें नहीं गिरा सकती।मुश्किलें हमें सिखाती हैं कि असली ताकत हमारे अंदर है।किसी और का सहारा मिलने पर हम चलना सीखते हैं,पर जब सहारा छूट जाता है तब हम उड़ना सीखते हैं।


पाछवा सुझाव :-  

'हर ठोकर में एक सबक छिपा है।"मुश्किलें हमें गिराती हैं ताकि हम समझ सकें कहाँ गलती हुई।अगर असफलता एक छिपा हुआ शिक्षक है।अगर तुम ध्यान से देखो, तो हर परेशानी के पीछे एक संदेश होता है

कभी धैर्य का, कभी मेहनत का, कभी विश्वास का।अगर इंसान सीखना बंद कर दे, तो वो रुक जाता है।लेकिन जो हर ठोकर को सबक बनाता है, वो आगे बढ़ता है।जीवन में गिरना पाप नहीं है, पर गिरकर उठना छोड़ देना सबसे बड़ी गलती है।


छठवां सुझाव:-  

'जीत उसी की होती है जो आख़िरी तक टिके।"मुश्किलें अस्थायी होती हैं, लेकिन हार मानना स्थायी।

जब तुम संघर्ष करते हो, तो थकान आती है, निराशा होती है, पर हारना मत।क्योंकि जिस पल तुम टिके रहते हो, उसी पल किस्मत तुम्हारे पक्ष में मुड़ने लगती है।

इतिहास गवाह है

जो लोग सबसे ज्यादा टूटे, वही सबसे ज्यादा चमके। एपीजे अब्दुल कलाम, नेल्सन मंडेला, थॉमस एडिसनइन सबने बार-बार असफलता झेली, लेकिन एक बात कभी नहीं छोड़ी विश्वास।


सातवा सुझाव:- 

 ' खुद को साबित करने का वक्त कठिनाइयाँ ही देती हैं।"अगर सब कुछ सही चल रहा है, तो कोई तुम्हें नोटिस नहीं करता।पर जब मुश्किलें आती हैं और तुम फिर भी डटे रहते हो, तब दुनिया तुम्हें सलाम करती है।कठिनाइयाँ वो मंच हैं जहाँ से असली योद्धा पहचाने जाते हैं।

तूफ़ान जब आते हैं, तो कमजोर पेड़ गिर जाते हैं,पर जो जड़ें गहरी होती हैं, वो और मजबूत हो जाती हैं।बस, तुम्हें अपनी जड़ों को गहरा करना है यानी अपने आत्मविश्वास को।


निष्कर्ष:-

जीवन का असली अर्थ यही है कि हर मुश्किल को अवसर की तरह देखो।

जब भी कोई समस्या आए, उससे भागो मत।

अपने आप से कहो ये मुझे हराने नहीं, तराशने आई है।

हर दर्द में एक दिशा है, हर संघर्ष में एक शिक्षा है,और हर गिरावट में एक उड़ान छिपी है।


क्योंकि याद रखो।

लोहे को भी गर्मी, चोट और ठोकरों की जरूरत होती है, तभी वो तलवार बनता है।

उसी तरह इंसान को भी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है, तभी वो महान बनता है।

इसलिए अगली बार जब ज़िंदगी तुम्हें परखे,

तो मुस्कुराकर कहो

आ जा मुश्किल। देख, तू मुझे तोड़ नहीं सकती तू मुझे और मज़बूत बनाती हैं।

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