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बढ़ा गोल / बढे फायदे।

     दोस्तों" लाईफ में कोई गोल नहीं तो आप गुम्रह हो क्यों की तुम्हे पता ही नहीं कहा जाना है आप सिर्फ जिंदगी का मजा ले रहे हो, जिंदगी का मजा लेने से इंसान बड़ा नहीं बनता इंसान का गोल होना चाइए कुछ मक़सद होना चाहिए तभी बेहतर बनो गए।लोग तुम्हे नहीं पूछते तुम्हारे काम को तुम्हारे गोल को पूछते है।जब इंसान का गोल बड़ा होता है तब अपने आप इंसान अच्छी जिंदगी जी सकता है जब तक गोल नहीं है तो आप किसी भी रोड़ पर चलोगे।

जब इंसान को पता होता है कि उसे उसके गोल के पास जाना है उसे सिर्फ उसका ही गोल दिख रहा है तो इंसान अपना रास्ता छोड़कर कहीं नहीं जाता इस लिए गोल होना बहुत ही जरूरी है।इंसान का गोल बड़ा तो इंसान का ध्यान ही नहीं जाता प्रॉब्लम्स के ऊपर जब इंसान का गोल छोटा तो अपने आप छोटी प्रॉब्लम्स बड़ी नजर आएंगी।

लाईफ में हमेशा गोल बड़ा होना चाहिए ताकि इंसान तयारी भी उसके हिसाब से करता है और मजबूत भी उसके हिसाब से बनता है।गोल बड़ा हो तो खुद के लिए चैलेंज बन जाता है गोल बड़ा हो तो उसे पूरा करने में समय जरूर लगता है पर मजा भी उतना ही आता है जो सपने में भी नहीं सोच सकते।गोल ऐसा हो जो लोग तुम्हारे गोल का नाम सुनते ही अपने आप मोटिवेट हो जाने चाइए।और तुम्हारे गोल पर लोगो को विश्वास ही ना हो कि यह गोल तेरा है।

गोल में हमेशा रिक्स होनी चाहिएं तभी गोल को पूरा करने में मजा आएगा गोल बड़ा होने के दो फायदे।

(१) गोल बड़ा हो तो गोल पूरा भी नहीं हुआ गोल के हिसाब से बने भी ना तो, कुछ ना कुछ बन ही जाओ गए।गोल खुद का हो तो किसी के पीछे भागने कि जरूरत नही होती है खुद का समय खुद कोही मिलता है।

(२) गोल रोज के बनाओ गोल आप 30 दिन में 30 बनते हो तो अगली 1 तारीख को अपने आप रोज के गोल सेट हो जाएंगे इसे हार दिन नहीं ऊर्जा,नया जोश ,और सबसे बेहतरीन अपने गोल को पूरा करने की आग पैदा होती हैं।अगर खुद की आग खुद को जलाती है तो गोल को पूरा करने को मजबुर कर देती है!इसी लिए खुद ही बड़े गोल सेट करो और खुद ही उसे पूरा करने का साहस रखो!

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 ॥ जिंदगी से टेंशन ख़त्म ॥


       मेरे दोस्त जिंदगी में टेंशन लेना छोड़ दो जिंदगी में  टेंशन लेने के लिए कोई नहीं आए हैं नहीं किसी का बोझ उठाने खुद की जिंदगी है तो खुद को ही बोझ उठाना पड़ता है।यह बहुत ही बुरी दुनिया है यह रास्ते तो बहुत है पर कोनसा रास्ता सही है वो बताने वाला कोई नहीं इसी लिए किसी का टेंशन मत लो यह सब अपने अपने हिसाब से जिंदगी जीते है यह किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं।

इसी लिए कहता हूं टेंशन लेने वाले नहीं टेंशन देने वाले बनो ताकि सफर का मजा रंगीन हो इसी लिए आप ना लोगो का टेंशन लेना छोड़ दो।क्यों की आप जिसका टेंशन लेते हो वो आगे बड़ जाता है और तुम पीछे रह जाते हो और एक सच बात जो लोग आपकी वजह से आगे बढ़े वहीं तुम को दो बाते ज्यादा सुनते है।आपको ही छोटा समजते है और आपको ही कहते है यह काम ऐसा नहीं ऐसा है।ऐसा होता है ना लाईफ में।

हम ना टेंशन लेने से खुद ही खुद को आगे बड़ने से रोकते जो हुआ उसे हू याद करते रहते है।यह आज अच्छा नहीं हुआ यह जाता तो अच्छा होता इसे मिला तो मुझे मिलना चाहिए था उसे क्यों मिला उसने क्या बड़ा काम किया जो उसे मिला।अरे यह सब बाते करना बंद कर दो इसका टेंशन लेना छोड़ दो इसे आप खुद ही अपने माइंड को कचरा बना रहे हो,खुद ही टेंशन लेले कर अंदर को कमजोर कर रहे हो।

अगर टेंशन के जल में नहीं फस्ना है तो जो हुआ उसे भूल जाओ,आगे का ज्यादा मत सोचो जो परिस्थिति है उस को देखकर आगे बढ़ो दूसरो के बात का टेंशन मत लो जो कुछ भी भला बुरा कहा उसे भूल जाओ यह करने से आपके जीवन में कभी कोई टेंशन नहीं आएगा और टेंशन आ भी गए तो टेंशन लगेगा नहीं। इसे आगे बड़ने वाले रास्ते और भी आसान हो जाएंगे। 

इसी लिए टेंशन मत पालना जो होगा वो होगा सिर्फ तुम्हे अपने टारगेट को लेकर चलना है टेंशन तो आता जाता रहेगा जब टेंशन देने वाले बनोगे तो लोगो में अपने आप चर्चे होंगे।जिस दिन दुनिया को टेंशन देना शुरू करो तो जिंदगी में आगे बढ़ने में और भी मज़ा आएगा।अपने माइंड को टेंशन देखे पागल मत करो, अगर पागल ही बना है तो अपने काम को लेकर पागल बनो ताकि बीमारी भी सफलता वाली हो जाएं!


                      

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