सब कुछ अच्छा ही होता है।
बंद कर दो जिंदगी से किसी भी बात की सिखायत करना जो तुम्हारे नसीब लिखा है उसे कोई भी नहीं बदल सकता,उसे कोई भी नहीं छीन सकता सिर्फ एक बात का ध्यान रखना जो होता है अच्छे के लिए होता है यह मान के आगे बड़ते रहना।जो होता है अच्छा ही होगा जो कुछ करेंगे अच्छा ही करेंगे ऐसी पॉजिटिव अपने अंदर हमेशा रखना।
आपको, एक कहानी सुनाता हूं बहुत ही मजेदार है और आप के जीवन में बहुत ही काम आने वाली भी है तो इसे ध्यान से सुनो।
एक शहर था उस शहर में एक (डिसूजा) नाम का छोटासा परिवार था गरमियों का सीजन होने के कारण बच्चो को भी स्कूल की छुट्टियां थी। तो परिवार ने आइलैंड घूमने जाने का डिसाइड किया और 2दिन के बाद जहाज का टिकट बुक किए,तो उन को जाने के लिए 2/4 दिनों का समय था तो उस परिवार ने 2 दिन में जाने का,खाने समान खरीद लिया और जो समान था वो बॅग में भर लिए थी जाने के लिए रेडी थे।
परिवार कल निकल ने वाला है उसके पहले दिन उसकी बच्ची को कुत्ते ने काटा, बच्ची को हॉस्पिटल ले गए। डॉ. कहता है बच्ची का बल्ड जाने के कारण बच्ची को दो दिन के लिए एडमिट करना पड़ता है ऐसा कहते ही परिवार अपनी बच्ची के पास रुका,रुकने के कारण वो घूमने नहीं जा सखॆ।
अगले दिन बच्ची को लेकर घर आए तो पता चला कि जहाज डूब गए।ऐसा सुनते ही सब भगवान से हात जोड़कर कहते है अच्छा हुआ भगवान तूने आज बचा लिए कल उस कुत्ते ने नहीं काटा होता तो आज हम सब घूमने गए होते और सबको अपनी जान से हाथ धोना पड़ता।
यह दुर्घटना होने बाद डिसूजा फॅमिली उस कुत्ते को भगवान मानती हैं।इसी लिए कहता हूं जो होता है अच्छे के लिए होता है उसे कभी गलत मत समझो जो हो रहा है उसे होने दो।आज गलत हुआ तो कल वहीं गलत अच्छे के लिए अच्छा होगा!
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॥ एक काम करने पर दुनियां याद रखेगी ॥
काम ऐसा करो आप दुनिया छोड़ कर चले भी गए तो आप अपने काम की वजह से जिन्दा रहने चाहिए लोगो की जुबान पर आप का नाम हमेशा रहना चाहिए आप के काम से दुनिया बदलनी चाहिए।काम की शुरुआत छोटी हुई तो कुछ फ़र्क नहीं पड़ता काम छोटा हुआ तो भी चलेगा पर अंत में कारनामा बड़ा होना चाहिए।
(सचिन तेंडुलकर) की कहानी सुनाता हू जो बचपन में ही क्रिकेट का भूत सवार हो गया रोज ही अपना सामान ले कर ग्राउंड पे जाता था पागलों की तरह जो कभी स्कूल नहीं गए।उसके साथ के बच्चे स्कूल जाते थे और वो अपने सपनों को पूरा करने में लगा रहता था,लोग कहते तू पागल है कभी स्कूल नहीं जाता क्या क्रिकेट खेल पाएगा। सचिन तेंडुलकर ने कभी लोगो के ऊपर ध्यान नहीं दिया।
अपने क्रिकेट के कारण वो (दसवीं) फेल हुआ,दसवीं फेल होने के कर फिर भी क्रिकेट खिलाड़ी बन गए और आज वो सबसे बेहतर खिलाड़ी है। उसे भारत रत्न पुरस्कार भी मिला है जब क्रिकेट कि बात आती है तो लोगो के जुबान पर सचिन तेंडुलकर का नाम आता है। सचिन तेंडुलकर ने आज अपने नाम का इतिहास रचा दिया जब लोग तुम्हारे काम को लेकर पहचान ते है तो शिक्षा कोई नहीं पूछता।
इसी लिए कहता हूं खुद को बनाने में समय लगेगा तो चलेगा अपने काम पूरा करने में समय लगेगा तो भी चलेगा।पर काम ऐसा करो कि नाम पता चले तो अपने आप काम के बारे में पता चलना चाहिए और काम पता चलते ही नाम पता चलना चाहिए तभी लोग तुम को याद रखेंगे।
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