मेहनत हमेशा ज्यादा रखो।
आपको (दशरत मांझी ) वाली कहानी सुनाता हूं जो बिहार के करीब गहलौर गांव का साधारण मजदूर था उसका (जन्म 14 जनवरी 1929)हुआ था। गहलौर गांव जंगल में था उस गांव में पहाड़ ही पहाड़ थे आने जाने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं था, गांव से कहीं भी बाहर जाना था तो बहुत ही घूम के जाना पड़ता था।
एक दिन दशरथ मांझी की बीवी पेट से थी वो समय दशरथ मांझी के लिए गोल्डन डे था उसी दिन दशरथ मांझी के बीवी का पेट दर्द करने लगा उसके गांव में कोई जाने का शॉर्ट कट नहीं था।तो वो अपनी बीवी को लेकर ज्यादा लाम वाले रास्ते से हॉस्पिटल ले गए तब तक बहुत देर हो गई थी दर्द के कारण पेट से बल्ड गए और वहीं डेथ हो गई।
जाते जाते उसी की बीवी ने दशरथ मांझी को एक message दिया आज मेरे साथ जो हुआ वो किसी के साथ नहीं हो चाहिए। दशरथ मांझी अपनी बीवी से बहुत प्यार करता था उसके कहने पर उस ने पहाड़ तोड़ने का ठान लिए और लग गए पहाड़ तोड़ने एक हथोड़ा और एक छन्नी लेकर।लोग कहने लगे तू पागल हो गए हैं यह पहाड़ तोड़ेगा दशरथ मांझी ने कोई बात नहीं सुनी अपनी मेहनत करता गए करता गए।
उसने कभी अपनी मेहनत कम पड़ने नहीं दी और आज उसने 360फिट लंबी,30फिट चौडे और 25फिट उचे पहाड़ को तोड़कर रास्ता बना दिया। और आज जो लोग दशरथ मांझी को कहते थे तुझसे नहीं होगा वहीं लोग उस रास्ते से आते जाते हैं।इसी लिए आज दशरथ मांझी को माउंटेन म्यान कहां जाता है दशरथ मांझी ने अपने नाम का इतिहास बना दिया। आज उसने मेहनत नहीं की होती तो और भी कहीं लोगो की जाने गई होती।
इसी लिए कभी भी,कहीं भी और कहा भी परिस्थिति आए तो अपनी मेहनत छोड़कर भागना मत जाना और अपनी मेहनत कभी कम मत पड़ने देना। आज मेहनत तेरा हिसाब लेगी पर कल वहीं मेहनत इंसान को नए पंख देगी!
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॥ सफलता का पहला नाम संघर्ष ॥
दोस्तों" जो इंसान खुद के लिए संघर्ष नहीं कर सकता वो इंसान दुनिया में हर चीज में कमजोर है जो खुद के लिए लड़ नहीं सकता वो क्या खुद की जिंदगी से जीत पाएगा,क्या दुनिया से लड़ पाएगा।यह दुनियां बहुत ही हरामि है जो लड़ना जानता है वहीं टिक सकता है जो लड़ना नहीं जानता हो सारी जिंदगी रोता ही रहेगा। सारी जिंदगी लोगो के पीछे भागना पड़ेगा,सारी उम्र निकल जाएगी पर कभी आगे नहीं बढो़ गए जहां थे वहीं रहो गए।
इसी लिए कहता हूं आज ही मौका है संघर्ष करने का लड़ो टूट पढो़ अपनी कामयाबी के पीछे हर मुश्किल से लड़ जाओ, हर चुनौती का सामना करो,हर मुश्किल से मुश्किल रास्ते को आसान बना लो संघर्ष के लिए खुद को लोहा बना दो ताकि छोटी से छोटी मुसीबतें खुद ही अपना रास्ता बदल दे।तभी आपको संघर्ष कर के सफलता मिलेगी।नहीं करो गए खुद की लड़ाई खुद के लिए तो सफ़लता तो दूर की बात है खाना भी नसीब नहीं होगा।
लोग ना संघर्ष करने के लिए डरते हैं संघर्ष करना कोई मुश्किल काम नहीं है बहुत ही आसान काम है लोग ना जब तक जान दाव पर नहीं लग जाती तब तक संघर्ष नहीं करते।जैसी ही पता चलता है संघर्ष करने के लिए तयार होते हैं तब तक बहुत ही देर हो जाती हैं।इसी लिए कुछ खोने से पहले ही संघर्ष करने के लिए तयार रहो ताकि कुछ खोने की नौबत ही ना आए।
एक कहनी है इसे सुनते ही संघर्ष करने की ऊर्जा अपने आप आएंगी।जंगल की बात हिरन और हिरन का बचा खेल तभी शेर ने दोनों पर अटैक किया हिरन और हिरन का बचा दोनों ही भागने लगे उन दोनों के पीछे शेर भी भागने लगा।हिरन और हिरन का बचा भागते भागते झरने के पास पहुंचे शेर भी उन दोनों के पीछे आए।
हिरन और हिरन के बच्चे के पास दो ही रास्ते थे (1) झरने से कूद कर अपनी जान देनी पड़ेगी (2) यह तो शेर के साथ संघर्ष करना पड़ता।तो वो हिरन और हिरन का बचा शेर से संघर्ष कर पड़े, लड़ पड़े हिरन और हिरन के बच्चे से खून बहरा था तो भी हार नहीं मानी लड़ते ही रहे लड़ते ही रहे और शेर को वहां से भागना पड़ा। और हिरन और हिरन के बच्चे की मौत भी बच गई और नहीं जीवन कि सफलता भी मिल गई।
इसी स्टोरी की तरह आपका जीवन भी दो रास्तों पर है सामने तुम्हारा लक्ष है और यह जिंदगी से संघर्ष है अगर आज नहीं लड़ तो मौत की जिंदगी जीनी पड़ेगी अगर आज पूरी जी जान लगाकर संघर्ष करो गए तो आपकी सफलता आपसे कोई नहीं छीन सकता!
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