Header Ads

Breaking News

गधा बना घोड़ा।


         दोस्तों" लाईफ में ख़ुद को घोड़ा ही मान के चलना कोई तुम्हे कुछ भी कहे पर तुम ख़ुद को घोड़ा मान के ही आगे बढ़ना क्यों की जो इंसान खुद को घोड़ा मान के चलता है वो हमेशा घोड़ा ही बनता है। यह बात को ध्यान से समझ लेना जो ख़ुद को घोड़ा ही मानता है वो घोड़ा ही बनता है और जो ख़ुद को घोड़ा नहीं मानता या घोड़ा बने की कोशिश नहीं करता वो हमेशा गधों की जिंदगी जीता है और गधा ही रहता है। इसी लिए छोटी सी कहानी है उसे सुनाना चाहता हूं तो इस कहानी को ध्यान से सुना।

एक छोटा सा गांव था उस गांव में एक सरपंच था जो बहुत ही धनवान था तो वो सरपंच दर साल गांव में घोड़ों की रेस रखता था तो इस साल भी गांव में घोड़ों की रेस रखी गई। तो इधर उधर के लोग अपने अपने घोड़े लेकर आ गए, बड़ी बड़ी पार्टी अपने घोड़े लेकर रेस में शामिल हुए इधर उधर गांव के सरपंच अपने अपने गांव के घोड़े लेकर रेस में शामिल हुए। गांव के सरपंच के पास घोड़ा नहीं था तो उस गांव के सरपंच ने अपनी इज्ज़त बचाने के लिए गधे को रेस में दौडा़ने का निर्णय लिए।

तो तुरंत ही गांव के लोग गधे को लाने के लिए चले गए और थोड़ी देर बाद घोड़े जैसे दिखने वाले गधे को लेकर आए तो गधा कहने लगा मैं रेस में शामिल होऊंगा। पागल हो गए क्या मरवा दो गए मुझे तो गांव के सरपंच ने और गांव के लोगो ने मिलकर उस गधे को पट्टी चढ़ाई की तू कर सकता है, तू कर सकता है, तू कर सकता है। ऐसा बोल के गधे को तयार किया और गधा भी तयार हो गया और कहने लगा कि में लडूंगा सिर्फ और सिर्फ गांव की इज्जत के लिए।

तो गधे को खड़ा किया रेस की लाइन पर गधे ने अपने दाई  और देखा इधर भी घोड़े, अपने बाई और देखा उधर भी घोड़े गधा कहने लगा मर गए रे ऐसा कहते ही इसके पैर जगह पर हिलने लगे। कोई भी हो लडने के समय पर घबरा जाता है तो गधा भी घबरा गए लोगो की परिशानी और बड़ गई गधा दौडेगा या नहीं तो गांव के सरपंच ने रेस के 5 सेकंड पहले गधे की पूछ उठाई और डाल दिया पिछवाड़े में मिर्ची तो गधा अगले 3 महीनों तक रुका ही नहीं सब घोड़ों को पीछे छोड़ दिया सब का रिकॉर्ड तोड दिया गधे ने।

इस कहानी से यह सिख मिलती है जब ख़ुद के पीछे आग लगती हैं तो गधा भी घोड़ा बन जाता है और नाला भी समुंदर बन जाता है इसी लिए घोड़ा तभी बन सको गए जब अपने डिजायर को आग लगाओ गए!
                      🙏___***___***___🙏


॥ रोना नहीं सब कुछ मिलेगा ॥

 

 आज ऐसी बात बताता हूं की आज के बाद कोई इंसान नहीं रोएगा इस बात को ध्यान से सुना और अपने माइंड में इस तरीक़े से बिठा लेना की कभी निकले ना और इस बात को समझ लेना। लाईफ में कुछ भी हो जाए कितने भी संकट क्यों ना आए कितनी भी बड़ी परेशानी क्यों ना आए खुद को लग रहा है की हार गए अब कुछ नहीं हो सकता अब क्या करे। सब साला जिंदगी में छीन लिया है अब सब कुछ खत्म हो गया है। 

अरे... कुछ खत्म नहीं हुआ है अभी तो जिंदगी की दौड़ शुरू हुई ही अभी तो सिर्फ मैदान में उतरे हैं कुछ खत्म नहीं हुआ है तू रोना मत तू हार मत मान अपने दुःख, दर्द के आसू को अपने अंदर ही छुपा ले ताकि साला सब कुछ मिल जाने के बाद यही आसू लावा बनकर बाहर निकलने चाइए। जिस दिन सब कुछ तेरा हो जाएगा तब जी भर के रो लेना पर अभी नहीं रोने का क्यों की आज रो लिया तो पूरा का पूरा जोश अंदर दबाकर रखा था वो बाहर निकल जाएगा।

इसी लिए रोना मत तू ख़ुद ही एक ऐसा इंसान हैं जो नाले को भी समुंदर बना सकता है, अंधेरे को भी उजाले में बदल सकता है, बंद रास्ते को भी शुरू कर सकता है तू सब कुछ कर सकता है। आज से तू अपने आसू के बूंद को आग के चिंगारियों में बदल अपने शरीर को लोहा बना इतना मजबूत बन की तुझे तोड़ना तो दूर की बात है कोई तुझे हिला भी ना सके इतना ख़ुद को मज़बूत बना।

जो इंसान हर समस्या पर, हर छोटी छोटी बात पर रोता है वो इंसान हमेशा कमज़ोर ही रहेगा कभी मज़बूत नही बनेगी। अगर मज़बूत बना है सब कुछ करना है तो रोना भूलना होगा और एक बात जिस को अपने काम को लेकर आग होती है जिस में अपने काम को बड़ा बनाने का जोश रहता है। जिस ने हर जगह ठोकर खाई है परिस्थिति से लड़ना सीखा है जिसने जिम्मेदारियां उठाना जानता है उस इंसान को कभी रोना नहीं आता।

इसी लिए कहता हूं रोना मत सब कुछ तेरा है खुद को समझा दे की वक्त और हालात कैसे भी हो उसे पार करके निकलना है रोना इंसान को समस्या बाहर नहीं निकलता बल्कि और समस्या खड़ी कर देता है रोने से बाहर निकलने वाले रास्ते बंद होते हैं ना की शुरू होते हैं इसी लिए रोना छोड़ दो रोना बर्बादी का करना है!

 *****

कोई टिप्पणी नहीं

Featured post

एकाग्रता" ही सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है।

 दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक वो, जो अपनी सोच को हवा में उड़ाते रहते हैं, और दूसरे वो, जो अपनी सोच को एक दिशा में, एक लक्ष्य पर, एक ...