छोटी सी बात नुकसान देती है।
एक छोटासा गांव था उस छोटे से गांव में पिता और उसके बेटे का नमक का दुकान था दोनों पिता और बेटा नमक का व्यापार करते थे नमक लाने के लिए गांव से शहर जाना पड़ता था। तो उनके पास शहर से नमक लाने के लिए गधा हुआ करता था नमक जब शहर से लाने का काम पड़ता था तो पिता और बेटा गधे को नमक लाने के लिए शहर ले जाए करते थे। रोज का व्यापार करते थे पिता और बेटे का व्यापार दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा था गधे के पीट पर 2 बोरी रखने के वजह 4-4 बोरी रखने लगे।
एक दिन पिता और बेटा गधे के साथ नमक लेकर शहर से वापिस लोट रहे थे तब गांव वाले कहने लगे की कैसे पिता और बेटा है जो बेजुबान गधे के पीट नमक की बोरियां रखकर जा रहे हैं। तभी गांव के लोगो की बात सुनकर पिता कहता है बेटे से की तू गधे के पीट पर बैठ जा और में नमक की बोरियां अपने पीठ पर रखता हूं। पीठ पर पिता ने बोरियां रखी और गांव की तरफ निकल पड़े थोड़ी दूर जाने के बाद फिर से एक गांव मिला उस गांव के लोग कहने लगे कि कैसा बेटा है जो अपने पिता के पीठ पर नमक की बोरियां दे कर खुद गधे की पीठ पर बैठ कर जहा रहा है।
फिर से पिता गधे को रुकता है पिता और नमक की बोरियां गधे की पीठ पर बैठते हैं और बेटा पैदल चलता है और थोड़ी दूर जाने के बाद फिर से गांव आता है। गांव के लोग फिर से कहते की क्या पिता है बेटे को पैदल चला रहा है और खुद नमक की बोरियां लेकर बेजुबान गधे की पीठ पर बैठ कर जा रहा है। ऐसा कहते ही पिता को घुसा आ जाता नमक की बोरियां नदी में छोड़ देता है। पिता और बेटा गधे की पीठ पर बैठ कर गांव चले आते हैं और लोगो के छोटी सी बात कहने पर अपना सालो का व्यापार बंद कर देते है।
इसी लिए कहता हूं कि जो भी करना है खुद के हिसाब से करो जो खुद को अच्छा लगता है वो करो चाहे दुनिया कुछ भी कहे लोगो का काम है कहना और अपना काम ही करना। तो आप आज से करने पर ध्यान दो ना की लोगो की बात पर लोगो के हिसाब से चलो गए तो कभी Success नहीं बनो गए!
॥ मेहनत से मजदूर बना राजा ॥
आज एक कहानी सुनाता हूं गांव के मजदूर की जो बहुत ही गरीब था अपनी परिस्थितियों से लड़ रहा था अपने हालातो से लड़ रहा था उस मजदूर की कहानी सुना रहा हूं तो इस कहानी ध्यान से सुना और ध्यान से समझ ना यह कहानी बहुत ही powerful है और बहुत ही आध्यात्मिक है। यह कहानी आपको जीवन में हर कदम पर, हर मोड़ पर, हर मुश्किल से मुश्किल वक्त में इतना motivation देगी की आप कभी कमज़ोर नहीं पड़ो गए इतनी pawerful कहानी है।
गांव का मजदूर पत्थर तोड़ जो पथोरो की पहाड़ियों में काम करता था हर रोज़ बड़े से बड़े पत्थर को तोड़कर उससे कुछ ना कुछ बेहतर बनाता था। उन मजदूर को लगता की हमारी मूर्तियां गांव गांव में बिकेंगी बड़े बड़े शहरो में हमारे कारागिरी का नाम होगा, हमारा भी नाम होगा ऐसा सोचकर अपने काम में जी जान लगाकर मेहनत करता था। ऐसा करते करते कुछ दिन बीत गए कोई सफलता की किरण नज़र नही आ रही थी।
लोग उस मजदूर पर हस रहे थे उस मजदूर को कहते थे कि तुझ से नही होगा काम छोड़ दे ऐसा कहते फिर भी वो मजदूर लोगो की बात के उप्पर ध्यान नहीं देता था। लोग जैसा मजदूर को कहते थे मजदूर वैसे वैसे अपने काम को success बनाने और ज्यादा मेहनत करता था। उस मजदूर के हात से काम करते वक्त खून निकलता था पूरी की पूरी दोनों हात की उंगलियां सूझ गई फिर भी वो अपने काम को करता रहा करता काम को कभी रुकने नही दिया।
क्यों की उस मजदूर ने देखे हुए हर सपने उसको पूरे करने थे उसको राजा वाली जिंदगी जीनी थी अपने सपनों के नशे में काम करता गया करता गया कुछ दिन बीतने के बात उसको success धीरे धीरे मिलती गई। उसके पत्थर के बनाए हुए सामान दूर - दूर तक जाने लगे उस की कारीगिरी की चर्चा होने लगी उस मजदूर का नाम होने लगा उस मजदूर ने अपने काम को बड़ा बनाए जो लोग मजदूर पर हस रहे थे उने भी सबक मिल गया। और आज वो मजदूर राजा की जिंदगी जी रहा है।
इसी लिए कहता हूं की जितना हो सके उतनी मेहनत करना अपने काम को success बनाने के लिए दुःख दर्द सब कुछ अपना लेना वही समय है जो आपको मजदूरी से राजा बना सकता है। और कभी भी मजदूरी का काम और अपना ख़ुद का काम करने के लिए शर्माना मत जितना ज्यादा मजदूर बनो गए उतना ही successfull राजा बनो गए।
यह कहानी! यही सिख देती है की कोई भी काम हो काम छोटा हो या बड़ा हो उस काम को पूरी की पूरी मेहनत लगाकर करो दिल से करो तभी आप हर काम में आगे बढ़ो गए!
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