सोचना ही है तो बड़ा सोचो!
लोग ना सोचने में कंजूसी करते है क्या सोचने का हमें वो करना ही नहीं है तो सोच के क्या करे ऐसी सोच वाले इंसान कभी आगे नहीं बढ़ते।जब इंसान के सपने बड़े हो सोच बड़ी हो तो अपने आप पीछे आग लगती हर हाल में उसे पूरा करना होता है।
सोच लो जी तुम चांद को छू सकते हो तो साला तयारी भी उसके हिसाब से करनी होती है जब सोचते होना तो जिंदगी में आगे बड़ने का सूत्र मिल जाता है। सोचने से काम पूरा होता या नहीं वो तुम्हे भी नहीं पता नाही भगवान को तो अगर सोचा ही है तो उस काम को पूरा खतम ही करना क्यों उसे गोल गोल घुमा रहा है।लोगो के पास सबसे बड़ा कारण यह है उसके पास टाइम नहीं है मेरे पास यह सब होता तो मैं करता मेरे सर पर घर का टेंशन है इसी लिए में कुछ सोच भी नहीं पा रहा हूं और कुछ कर भी नहीं पा रहा हूं।अबे घोचू तेरी सोच छोटी है इसी लिए तू बहाने बना रहा है।
अपने सोच को बदल कुछ ऐसा कर किं दुनिया तेरी सोच को सोचने के लिए तरस जाए।तेरा नाम होना चाहिए लोग कहने चाइए सोच हो तो इसके जैसी हो सूरज की और आखे फाड़कर देखने वाली तभी हम आगे निकल पाएंगे इसी लिए कहता हूं सोचो जितना हो सके उतना सोचो कोई भी काम करने से पहले सोचना जरूरी होता है!
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