जीत की शुरुआत असफलता से होगी। उठो चलो खड़े हो लड़ो और जीत को हासिल करो।
हार मेहनत वालों के नसीब में कभी नहीं होती। इसीलिए बे जीजक आगे बढ़ते रहना और मुसीबतों से लड़ते रहना।
जिवन में कोई भी काम करना हो या करने वाले हो तो पहले ही उस काम के बारे में यह मत सोचना की यह काम मुश्किल है मुझसे नहीं होता यह काम करने के लिए बहुत सी मुसीबत का सामना करने की जरूरत है मुझसे यह काम नहीं होगा। पहले ही हार मत मानो और पहले ही खुद को कमजोर मत करो इंसान की सबसे बड़ी गलती यही है कि वह सब कुछ शुरू करने से पहले ही खत्म कर देता है पहले ही नकारात्मक सोच कर आगे बढ़ने का रास्ता बंद कर देता है। इसीलिए खुद ही खुद का दुश्मन मत बनो अपने आप को बाहर निकालो इस नकारात्मक दुनिया से कब तक कठिनाइयों से भागो गए, उस कठिनाई से लड़ो उसका सामना करो।
तभी बड़ी से बड़ी ऊंचाई को छू पाओ गए, बड़ी से बड़ी मंजिल को अपना बनाओगे। आज से यह मत सोचो कि हम कोई काम कर नहीं सकते , हम भी बहुत कुछ कर सकते हैं बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर सकते है। आज से मेरे सामने कितना भी बड़ा पहाड़ क्यों ना आए मैं उसे तोड़कर उसको पार करके आगे बडूंगा उसका सामना करूंगा मेरे लिए कोई काम छोटा या बड़ा नहीं है। और एक बात का हमेशा ध्यान रखना किसी भी मंजिल को पार करने के लिए थोड़ी सी तो मुसीबत का सामना करना पड़ेगा उसे लड़ना पड़ेगा आज से यह सोचकर आगे बढ़ो।
इस लिए खुद के सात संघर्ष करो संघर्ष रुलाता जरूर है।पर इतिहास रचता भी वही है अगर इतिहास रचना है तो खुद से एक वादा करो जो कुछ भी होजाय मुझे उसे पाना ही है हर मानना नहीं है।
मुझे अपने मां/बाप के सपने पूरे करने है मुझे मेरे सपने पूरे करने है को आज तक हर वो चीज पाने के लिए रोया हूं उस पूरा करना है।
जिंदगी में कोई नहीं है ऐसा जो तुझे कहे तू गिरे गा तो में तुझे हात दूंगा।साला उल्टा लोग गिरे हुए को कुचल कर चले जाते है तो कोंन उठाने आएगा सब साथ हो ने का नाटक करते है असल में वही धोके बाज होते हैं।इसी लिए मुश्किल से मुश्किल पड़ाव खुद कोई पार करने होते है। कोई भी काम करने के लिए समय लगता है पर वहीं तारे आसमान छू लेते है।इसी लिए कोई भी काम हो करते रहो /करते रहो बस हार मत मानना बकी जो होगा अच्छा ही होगा! जितना ही संघर्ष बड़ा करते जाओगे उतना ही खुद को मजबूत बनाओ गे!
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॥ कमज़ोर पड़ो तो इसे सुनो ॥
आज से कमज़ोरी का रास्ता खत्म और बहादुरी का रास्ता शुरू। आज से रोना बंद और लढना शुरू।
बहादुर खुद ही खुद को बना सकते हो। हौसला ,धैर्य, चिंतन शक्ति, आत्मविश्वास, परिश्रम ,एकाग्रता, शांति ई. इन सारी चीजों का खुद के अंदर होना जरूरी होता है।
आपको दो जिगरी दोस्तो की कहानी सुनाता हू।दो जिगरी दोस्त थे दोनों एक ही स्कूल एक ही कॉल्स में पड़ते थे।एक दिन की बात है दोनों स्कूल से आए, आते ही घर के बाहर गेट था उनपर झूल ने लगे दोनों अलग /अलग झूल ने लगे झूलते /झूलते एक गेट गलतिस से निकल गया और बच्चे के ऊपर गिर गया।तो दूसरे बच्चे का ध्यान जाते उसने इधर/उधर देखा वहां कोही नहीं था।उसने ही अपने आप को उस वक्त बहादुर समझा और लगा दी अपनी पूरी ताकत और उठा दिया 80kg - 90kg का गेट और बचा ली अपने दोस्त की जान।
आज अगर वो दोस्त अपने दोस्त को मुसीबत में देखकर भाग सकता था और भाग गया होता तो आज उसका दोस्त मर गया होता पर उसने ऐसा नहीं किया अपने आप को कमज़ोर नहीं समझा अपने बुरे वक्त से लड़ा और साबित कर दिया की जिंदगी में दोस्त होना कितना जरूरी होता है। दोस्ती कभी कमजोर नही होती और नाही दुनिया में कोई इंसान कमजोर होता है।
अभी से और आज से खुद ही खुद को कमजोर समझ कर कैद मत रखो काट दो अपने कमजोरी वाले पंख ताकि ऊंची उड़ान भर सखो। आज तक कैद जिंदगी हमारे दादा पर दादा ओ ने जी हैं हमें वैसी जिंदगी नहीं जीना हमें तो ऊंचा उड़ना है कुछ ना कुछ अच्छा करके दिखाना है और इतिहास बनाना है और कुछ बनकर दिखाना है। ऊंचा उड़ता वही है जिन्होंने अपने सपने पूरे करने का ख्वाब देखा है। आज से अपने मकसद में इतनी कामयाब हो जाओ की कोई तुमको कमजोर ना समझे।
और एक बात जो इंसान दुनिया से लड़ रहा है वह इंसान कभी कमजोर हो ही नहीं सकता। इसका मतलब तुम दुनिया से लड़ रहे हो तुम भी बहादुर हो तुम भी कमजोर नहीं।
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