छोटा काम, बड़ा धमाका!
अगर छोटे काम से बड़ा धमाका करना है तो कोई भी काम को छोटा मत समझो आज तक जितने भी लोग success full बन गए उन लोगों ने छोटे काम से ही शुरवात की है। तुम काम को छोटा क्यों मान के चल रहे हो, सायकोलॉजी कहती हैं जो काम छोटा है उसे बड़ा मान के चलो तो वो काम बड़ा ही लगने लगेगा।अगर उस काम को छोटा समझ कर चलो गए तो छोटा ही लगेगा यह है सायकोलॉजी का नियम तुम्हारी सोच पर निर्भय करता है।
तुमने ना अपने माइंड में पहले ही कचरा भर दिया है तुम्हे लगता ही नहीं की छोटा काम क्या बड़ा धमाका करेगा। अगर आपकी सोच ऐसी है तो आप गलत हो छोटा काम कभी धमाका नहीं कर सकता,बल्कि उस काम को छोटे से बड़ा धक्के मार मार कर बड़ा बनना पड़ता है तब जाकर बड़ा धमाका होता है।
अगर तुम्हे भी छोटे काम से बड़ा धमाका करना है तो यह छोटी सी कहानी है इसे सुनो अपने आप ही छोटे काम को बड़ा धमाका में डेवलप करोगे।
एक इंसान जो रास्ते से गुजर रहा था चलते चलते उस को प्यास लगी तो वो पानी पीने के लिए एक बस स्टॉप चला गए बस स्टॉप पर जाते ही उसने देखा की लोग पानी पीने के लिए बॉटल तो खरीद रहे हैं पर पानी पीने के बाद उसी को फेक रहे हैं।बस स्टॉप पर ऐसी बहुत सी बॉटल पड़ी थी, तो वो इंसान फेकी हुई बॉटल के पास जाता है और सारी की सारी बॉटल उठाता है।
उस को वाँश करता उसी में फिर से पानी भरता है और वही लोगो को बेचता है,इसी तरह रोज का रोज करता है और लोगो बेचता है।बिना कुछ किए पानी के पैसे कमाता है एसे करते करते वो इंसान खुद की पानी बॉटल की कंपनी चलता और खुद की पनी बॉटल का नाम बिसलेरी रकता है और आज वही बॉटल ब्रांड बन गई है।
इसी लिए कहता हूं काम छोटा होगा चलेगा, सिर्फ तरीका बड़ा होना चाहिए।जब तरीका बड़ा हो तो हर छोटा काम धमाका जरूर करता है।
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॥ मजबूत इरादा ॥
इसी लिए अपने आप को आदत मत लगाओ मुश्किल की जब तक आपका इरादा मजबूत है तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है।अगर आपका इरादा कमजोर तो आपको हर काम मुश्किल लगेगा इसी लिए पहले खुद के ऊपर इतना इरादा मजबूत बनाओ की साला कोही भी काम हो मुश्किल ना लगे और फटाक से आपका काम हो।
जब तक इंसान का किसी भी काम को लेकर इरादा मजबूत नहीं तो इंसान का मण उस काम पर कभी लगेगा नहीं इस की 100% गारंटी में तुम्हे देता हूं। जब कोई भी काम को लेकर इंसान का इरादा पक्का हो तो उस काम को करने में मजा आता है इंसान की काम करने की इच्छा और दुगनी हो जाती है। जैसे जैसे काम आगे बढ़ता है वैसे वैसे शरीर के अंदर और उर्जा आने लगती हैं,जो काम कर रहे हो उस काम का कोई टेंशन नहीं होता क्यों की उस काम को लेकर इंसान का इरादा मजबूत होता है।
उस लगता ही है में इस काम को पूरा कर सकता हूं और करूंगा और एक बात कहूंगा जिस का इरादा मजबूत उसके काम में कोई विघ्न भी आए तो भी वो उस विघ्न से लड़ता है कभी मैदान छोड़कर भागता नहीं। इसी लिए खुद का इरादा मजबूत रखो क्यों की हर दूरियां नज़दीक आएंगी हर मुश्किलें आसान बन जाएगी। तेरा इरादा ही है जो हर काम को अंजाम दे सकता तेरा इरादा मजबूत तो तू मज़बूत!
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