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उचा उड़ना है। तो इसे सुनो!


              दोस्तों, लाईफ में उचा उड़ना है तो उची सोच उचे विचार होना जरूरी है उचा उड़ना है सब कुछ छोड़कर अकेले ही निकल ना पड़ता है खुद के दम पर सब कुछ तयार करना होता है। उचा उड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात कैद जिंदगी को आझाद करना पडता है उन लोगो मे दौडना पडता है जो सब से तेज हो उचा उडना है तो नींद चेन सब त्यागना होगा। उचि उड़ान घर में बैठ कर नहीं मिलती उसके लिए बाहर निकल कर उचा उड़ने की तयारी करनी पडती है।

कुछ कुछ लोगों का कैसा होता है बिना मेहनत के सब कुछ चाहिए होता है सपने तो बड़े बड़े देखकर रखते हैं इधर उड़ेंगे उधर उड़ेंगे पूरा का पूरा आसमान अपना होगा जहां जाना है वहां जाएंगे। पर जब उचा उड़ने के लिए मेहनत करनी होती हैं तब कोई आगे नहीं खड़ा होता सब के सब पीछे की और खड़े होते हैं। ऐसा क्यू! ऐसा इस लिए होता है कि उनको मुक्त में खाने की आदत लगी है उनको सब कुछ मुक्त में चाहिए।

मैं सच कहता हूं जिन लोगो को मुक्त में खाने की आदत पड़ी है ना वो लोगो को कितना भी तुम कहो कि मेहनत कर वो मेहनत कभी नहीं करेगा क्यों की उनको शेर की तरह बल्ड लगा है। शेर को कैसे जब तक इंसान का बल्ड नहीं लगता वो तब तक जानवर कोही मारकर खाता है इसी तरह लोगो को ही मुक्त में खाने का बल्ड लगा है उनको लगता है कि सब कुछ मिलेगा बिना मेहनत की है।

जब साला तुम दूसरो की मेहनत पर जिन्दा हो सब कुछ मुक्त के खाने की आदत लगी हो तो तुम्हे कोई अधिकार नहीं उचा उड़ने का और उचा सोचने का जो इंसान खुद के सपने पूरे करने के लिए जिंदगी से लड़ नहीं सकता वो इंसान  कभी आगे नहीं बढ़ सकता इसकी गारंटी में तुम्हे देता हूं।
 
अगर सच/मुच उचा उड़ना है खुद के पीछे आग लगी है उचा उड़ने की तो क्यों उड़ान लेने में डर रहे हो क्यों लोगो से डर रहे हो उतारो ना लोगो के साथ मुकाबले में हारे तो भी सिख जाओ गए जीते तो और बेहतर बन जाओ गए। जब साला दोनों ही तरफ से अपना ही फायदा है तो उचा उड़ने में डर किस बात का उडो जितना उड़ान है उतना उड़ों जब तक आसमान थका ना दे तब तक उडो।
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आसमान में उड़ने का सोच ही लिए है। तो क्यों आसमान को जमीन से ही देख रहे हो। जब इरादा हो खुद का खुद से बुलंद तो क्यों गिरने से घबरा रहे हो!

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॥ खुद की हार को जीत में बदल सकते हो ॥


 दोस्तों " लाईफ में कितनी भी समस्या आए कितनी भी मुसीबत आए पर हार मत मान लड़ते रहना आखरी सास तक टूट कर बिखर गए तो भी चलेगा पर मैदान छोड़कर भाग मत जाना। खुद की इच्छा मर भी गई तो खुद ही खुद को समझाना तू हार नहीं सकता हारने के लिए नहीं बना तू लड़ जीत तेरे मुठ्ठी में होगी। जो इंसान लास्ट तक करता ही रहता है करता हि रहता है उसे मिलाए बैगर छोड़ता नहीं वहीं इंसान जीत के काबिल होता है।

हर किसी लक्ष्य को जो हात में लिए हो उसे रबर की तरह पकड़े रहो दर्द होगा पर जीत भी उसी को मिलती है जो लास्ट तक पकड़े रहता है छोड़ता नहीं।इसी लिए खुद एसे बनाओ की अपने दर्द की कीमत जीत के बात वसूल हो जाए खुद बता दो आंधी आए या तूफ़ान आए रुकना नहीं है नहीं पीछे मुड़कर देखा है बस अपने सिर्फ और सिर्फ टारगेट की और बढ़ना है तू कमज़ोर नहीं है तू हार को भी जीत में बदल सकता है।

खुद को बता दो जब तक गले में जान है, शरीर में ताकत है तब तक नहीं कमजोर पड़ना है नहीं घबराना है अंधेरा हो फिर भी उजाला बन कर बाहर निकल ना है। तू खुद को पुछ में हारने के लिए बना हू क्या, खुद को पुछ में कमज़ोर हू क्या में दुनियां से लड़ नहीं सकता में दुनियां से जीत नहीं सकता में सब चीजों को पा नहीं सकता। तेरे अंदर से सिर्फ एक ही आवाज आएगी तू कर सकता है सब कुछ कर सकता है।

एक इंसान ही खुद को आगे ले जा सकता है वो है सिर्फ तुम, तुम ही खुद को आगे अपने मंजिल की और ले जा सकते हो दूसरा ऐसा कोई इंसान नहीं जो तुम्हे तुम्हारी मंजिल की और ले जा सकता है।

 इंसान रास्ता बताए गा पर तुम्हे ही खुद तुम्हारी जीता या हार का फैसला करना है। इसी लिए खुद ही निकलो अपनी जीत की और दिखा दो लोगों को की हम भी जीत सकते हैं, हम हारने के लिए नहीं बने सिर्फ और सिर्फ जितने के लिए बने!

 


                                     

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